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Ambala News: डाॅक्टरों और कर्मचारियों की कमी, वेंटिलेटर पर स्वास्थ्य Latest Haryana News

Ambala News: डाॅक्टरों और कर्मचारियों की कमी, वेंटिलेटर पर स्वास्थ्य Latest Haryana News

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सिटी नागरिक अस्पताल में उपचार के लिए पहुंचे मरीज। संवाद

सुखबीर सिंह

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अंबाला सिटी। जिले में स्वास्थ्य विभाग की सेवाएं कर्मचारियों और चिकित्सकों के कमी से बीमार नजर आ रही है। नागरिक अस्पतालों और ग्रामीण क्षेत्रों में स्वीकृत पदों के मुकाबले आधे से कम डाॅक्टर और कर्मचारी नियुक्त हैं। ऐसे में मरीजों को उपचार के लिए नागरिक अस्पतालों की ओर रुख करना पड़ता है। एक अर्से से विभाग को डाॅक्टर नहीं मिल रहे। विशेषज्ञ के नाम पर सेवानिवृत्त हुए एसएमओ की सेवाओं से काम चलाया जा रहा है। फार्मासिस्ट और रेडियोलॉजिस्ट सहित अनेक पद ऐसे हैं, जिनकी भारी कमी है।

ग्रामीण स्तर पर एमओ आधे से कम

अंबाला में सबसे अधिक कमी मेडिकल अधिकारी एमओ की है। जिला अंबाला में कुल स्वीकृत पद 272 हैं इनमें से 81 पद खाली हैं। इसके साथ ही एनएचएम के तहत भी 31 मेडिकल अधिकारियों में से तीन पद खाली हैं। विशेषज्ञाें की भी भारी कमी देखी जा रही है। ग्रामीण स्तर पर देखें तो एक पीएचसी और सीएचसी पर 11 पीएचसी सहित सीएचसी पर भी दो से तीन डाॅक्टरों की कमी है। सिटी नागरिक अस्पताल में ट्राॅमा सहित 24 डाॅक्टरों और अंबाला नागरिक अस्पताल में 11 डाॅक्टरों की कमी है। डाॅक्टरों के अलावा एनएचएम के तहत विशेषज्ञ, जिनमें एनीथिसिया चिकित्सक के तीन पद, इंटेंसविस्ट के दो पद, पब्लिक हेल्थ विशेषज्ञ का एक पद खाली है और यूरोलॉजिस्ट चिकित्सक का भी एक पद रिक्त है।

51 पदों पर फार्मासिस्टों की दरकार

दवा वितरण का कार्य देखने के लिए जिले में फार्मासिस्ट अधिकारियों की भारी कमी है। जिले में फार्मासिस्ट के कुल 69 पद स्वीकृत हैं। जबकि इनमें से सिर्फ 18 पदों पर नियुक्ति की हुई है। जबकि करीब 51 पद खाली हैं। मुख्य फार्मासिस्ट के भी तीन पद स्वीकृत हैं और एक भी पद भरा नहीं है। ऐसे में दवा वितरण के कार्य को देखने के लिए नर्सिंग छात्राओं का सहारा लेना पड़ता है। ऐसे में दवा वितरण में समय भी अधिक लगता है। ट्रामा सेंटर अंबाला सिटी में भी चार पद खाली हैं। सिटी नागरिक अस्पताल में 16 फार्मासिस्ट की जरूरत है जबकि यहां पर सिर्फ तीन ही फार्मासिस्ट नियुक्त हैं। अंबाला छावनी में भी 10 पदों में से पांच पद खाली है। इनमें से भी एक फार्मासिस्ट को मुख्य फार्मासिस्ट का अतिरिक्त कार्यभार दिया गया है। नारायणगढ़ में भी आठ पदों में से सिर्फ दो ही पद भरे हैं।

एएनएम के पद भी खाली

एएनएम के पदों पर भी नजर लगाएं तो सीएचसी और पीएचसी स्तर पर ही 103 पदों में से करीब 35 पद खाली पड़े हैं। ऐसे में एनएचएम के नर्सिंग स्टाफ के सहारे ही काम चलाना पड़ रहा है। अकेले सिटी नागरिक अस्पताल में ही 143 स्टाफ नर्स में से 28 पद खाली पड़े हैं।

रोजाना आते हैं चार हजार मरीज

जिले के दोनों नागरिक अस्पतालों को देखें तो यहां पर रोजाना चार हजार से अधिक मरीज उपचार के लिए आते हैं। ऐसे में चिकित्सकों की कमी सबसे अधिक प्रभाव डालती है। एक ही चिकित्सक पर कई मरीजों का बोझ रहता है। ऐसे में उपचार की गुणवत्ता में कमी आती है और प्रत्येक मरीज को पर्याप्त समय भी नहीं मिल पाता। फार्मासिस्टों के न होने से दवा वितरण में भी नर्सिंग की छात्राओं को लगा कर काम चलाया जा रहा है।

वर्जन

जिला स्तर पर भर्ती करने के लिए लगातार निदेशालय से पत्राचार किया जाता है। जिला अंबाला में चिकित्सक, फार्मासिस्ट सहित अन्य कर्मचारियों की भी भारी कमी है। जिला स्तर की ओर से सिर्फ मांग ही भेजी जाती है। भर्ती करने का अधिकार सिर्फ निदेशालय को होता है।

-डॉ. राकेश सहल, सीएमओ अंबाला।

सिटी नागरिक अस्पताल में उपचार के लिए पहुंचे मरीज। संवाद

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