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अंबाला। जर्जर सामुदायिक केंद्र का जीर्णोद्धार करके लावारिस कुत्तों के लिए शेल्टर होम बनाया जाएगा। इस योजना को सिरे चढ़ाने के लिए नगर परिषद ने निविदा जारी कर दी है। इस पर 13.23 लाख रुपये खर्च किए जाएंगे। शेल्टर होम में कुत्तों के खाने व पीने की सुविधा के अलावा उनके रख-रखाव व उपचार का प्रबंध भी किया जाएगा। इसके अलावा यहां पशु विशेषज्ञों व अन्य कर्मचारियों की तैनाती भी की जाएगी।
अंबाला छावनी में कुत्तों की नसंबदी का कार्य किया जा रहा है। लगभग 100 कुत्तों की नसंबदी की जा चुकी है, बावजूद इसके गली-मोहल्लों, बस अड्डे सहित रेलवे स्टेशन पर इनकी काफी तादाद नजर आ रही है। इसलिए नगर परिषद ने संबंधित एजेंसी को इन ठिकानों पर कार्रवाई करने के निर्देश दिए हैं, इसके अलावा 12 क्रॉस रोड, सदर बाजार, निकलसन रोड, राय मार्केट, कबाड़ी बाजार और रिहायशी क्षेत्रों में कुत्तों की संख्या लगातार बढ़ती जा रही है।
रोजाना आ रहे 15 से 20 मामले
अंबाला कैंट के नागरिक अस्पताल से प्राप्त आंकड़ों के आधार पर रोजाना 15 से 20 मामले कुत्तों के काटने के आ रहे हैं, हालांकि अस्पताल में कुत्ते के काटने के मरीजों को समुचित उपचार प्रदान किया जा रहा है, लेकिन लगातार हो रहे इन हादसों के कारण महिलाओं, बुजुर्गों सहित छोटे बच्चों को परेशानी का सामना करना पड़ रहा है। ऐसे में कुत्तों के लिए शेल्टर होम बनने से छावनी के लोगों को काफी राहत मिलेगी।
टीमें होंगी तैनात
शेल्टर होम बनने के बाद नगर परिषद संबंधित एजेंसी के साथ मिलकर वार्ड स्तर पर टीमों का गठन करेगी जोकि गली-मोहल्लों, चौक-चौराहों व रिहायशी क्षेत्रों में घूमने वाले लावारिस कुत्तों को पकड़ेगी और इन्हें पकड़कर शेल्टर होम में छोड़ेंगी। इन लावारिस कुत्तों का बाकायदा रिकॉर्ड भी रखा जाएगा ताकि कहीं कोई खामी न रह जाए।
कागजों तक सीमित गोशाला की योजना
गोवंश को सहारा देने की तैयार की योजना एक बार फिर सिरे नहीं चढ़ पाई है, हालांकि नगर परिषद का दावा है कि वो सरसहेड़ी गांव में खाली पड़ी पांच एकड़ जमीन में गोशाला के निर्माण की प्रक्रिया जल्द शुरु करेगी, लेकिन अभी तक न तो इस संबंध में प्रस्ताव तैयार हो पाया है और न ही गोशाला पर खर्च होने वाली राशि की अनुमानित लागत तय हो पाई है, जबकि छावनी में लगातार बेसहारा गोवंश की संख्या बढ़ती जा रही है जोकि अंबाला-साहा हाईवे सहित प्रमुख बाजार और गली-मोहल्ले में नजर आ रहे हैं।
रामबाग की तरफ जाने वाले रास्ते पर एक पुराने जर्जर सामुदायिक केंद्र है, यहां मौजूदा समय में कचरे की ट्राॅलियां आदि खड़ी की जा रही है। इस सामुदायिक केंद्र का जीर्णोद्धार किया जाएगा और यहां लावारिस कुत्तों के लिए शेल्टर होम बनाया जाएगा। इसके अलावा गोशाला के लिए भी पांच एकड़ जमीन का प्रस्ताव तैयार हो गया है, जल्द ही इसकी भी निविदा जारी कर दी जाएगी।
– देवेंद्र नरवाल, कार्यकारी अधिकारी, नगर परिषद सदर, अंबाला।
अंबाला कैंट रेलवे स्टेशन के परिसर में घूम रहे आवारा कुत्ते। संवाद

अंबाला कैंट रेलवे स्टेशन के परिसर में घूम रहे आवारा कुत्ते। संवाद

अंबाला कैंट रेलवे स्टेशन के परिसर में घूम रहे आवारा कुत्ते। संवाद
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