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अस्पताल के आईपीडी ब्लॉक में पानी का रिसाव होने पर आ रही सीलन
अंबाला। करीब 63 करोड़ रुपये की लागत से तैयार छावनी नागरिक अस्पताल की बिल्डिंग समय के साथ-साथ सूरत बिगड़ती जा रही है। देखने में बाहर से भले ही चकाचक नजर आती हो लेकिन दीवारों पर लगी टाइलें झड़नी शुरू हो गई हैं।
ऐसा ही नजारा इन दिनों इमरजेंसी ब्लॉक की चार मंजिला बिल्डिंग में देखने को मिला रहा है। कुछ जगह तो बीच-बीच में टाइलें झड़ रही हैं लेकिन इमरजेंसी के साथ से पीछे ओपीडी के रास्ते पर तो एक बढ़ा हिस्सा की टाइलों का झड़ गया है। रोजाना एक-दो करके यह टाइल गिर रही हैं। कई बार तो यह टाइलें नीचे से गिरने वाले मरीजों और तीमारदार के ठीक पास में गिरी।
गनीमत यह रही कि कोई चोटिल नहीं हुआ है। हैरानी की बात यह है कि अस्पताल प्रबंधन की तरफ से इसे ठीक करवाने की जगह झड़ी टाइलों पर बिल्डिंग के साथ का पेंट कराकर लीपापोती करवाई जा रही है। जबकि टाइलों के झड़कर गिरने का सिलसिला लगातार जारी है। गत दिवस अस्पताल के निरीक्षण के लिए आई एनक्वास की टीम ने भी टाइलों का जिक्र व जगह-जगह हो रही सीलन को देखा था और उसे ठीक करने के लिए कहा था।
भवन में कई जगह रिस रहा पानी
अस्पताल के आईपीडी ब्लॉक की बात करें तो रैंप के ठीक साथ से चौथी मंजिल पर लगा शेड ही लीक हो रहा है। यहीं कारण है कि उसे के कारण दीवारों के साथ-साथ फर्श भी पानी जमा हो जाता है। इसके अलावा वाटर कूलर के पास से बेसमेंट में जाने वाले रास्ते पर भी एक बड़े हिस्से में सीलन आ रही है। कई बार पेंट के बावजूद यही स्थिति रहती है। अस्पताल के कांफ्रेंस हाल के बाहर भी दीवारों में सीलन है। वर्ष 2015 में पुराने भवन की जगह नया बनाने का काम शुरू किया था। वर्ष 2016 में नए साल पर ओपीडी ब्लॉक का उद्घाटन किया था। इसी के साथ इमरजेंसी और चार मंजिला आईपीडी ब्लॉक तैयार किया।
वर्जन
भवन के तैयार होने के करीब तीन साल तक विभाग की जिम्मेदारी थी। अस्पताल में टाइलें झड़ने और पानी के रिसाव की समस्या को दूर करने के लिए मरम्मत का अलग से टेंडर निकाला जाएगा।
रितेश अग्रवाल, एक्सईएन, पीडब्ल्यूडी बीएंडआर।
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