Ambala News: गंदगी और पत्थरों से अटा है नाला, कोई नहीं देखने वाला


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अंबाला। छावनी बस स्टैंड की बंद पड़ी दोपहिया वाहन पार्किंग में जमा सीवरेज का पानी यात्रियों व आसपास के दुकानदारों के लिए परेशानी का सबब बन गया है। बस स्टैंड के बाहर गंदगी व पत्थरों से अटे मुख्य नाले के कारण सफाई व्यवस्था दिन प्रतिदिन चरमराती जा रही है। कुछ नालियों की जगह पर स्थानीय दुकानदारों ने अतिक्रमण कर रखा है। बावजूद नगर परिषद के अधिकारी अनदेखी कर रहे हैं। ऐसे में बस स्टैंड में आने वाले यात्रियों का यहां से गुजरना तक मुश्किल हो चुका है।
पार्किंग में जमा सीवरेज के पानी के कारण चारों ओर बदबू का आलम बना हुआ है। बता दें कि रोजाना छावनी बस स्टैंड से करीब 15 हजार यात्री चंडीगढ़, पंजाब व हिमाचल के लिए रवाना होते हैं। इतने में अधिकतर रोजाना अपने कामकाज के लिए एक से दूसरे शहर में जाते हैं। स्थानीय दुकानदारों की मानें तो बार-बार शिकायतों के बावजूद भी कोई समाधान नहीं होता दिख रहा है। इसके लिए नगर परिषद को नालों की पूरी तरह से सफाई करते हुए उसे खोलना चाहिए और नियमित तौर पर सफाई करनी चाहिए।
दीवार के साथ ही गंदगी के लगे हैं ढेर
बस स्टैंड की दीवार के साथ-साथ गंदगी के ढेर लगे हैं। नालियां ओवरफ्लो होने के कारण चारों तरफ बदबू का आलम रहता है। पास से गुजरना तक मुश्किल हो जाता है। सवारियां तक भी रुकना पसंद नहीं करती हैं। कई बार शिकायत करने के बावजूद भी महज खानापूर्ति की सफाई के कुछ नहीं होता।
अमन, चालक
अधिकारी, कर्मचारी नहीं दे रहे हैं ध्यान
बस स्टैंड की पार्किंग में सीवरेज का पानी जमा होने के कारण पास से निकलना तक मुश्किल हो जाता है। लंबे समय से यहीं नजारा देखने को मिलता है। बावजूद कोई भी अधिकारी व सफाई कर्मचारी इस ओर ध्यान देना तक उचित नहीं समझता। जबकि बस स्टैंड से रोजाना हजारों की संख्या में लोगों का आना-जाना लगा रहता है।
संजीव, कालपी
चलना पड़ता है सिर झुकाकर
बस स्टैंड की दीवार के ठीक बाहर एक सार्वजनिक शौचालय की व्यवस्था होनी चाहिए। अक्सर देखा जाता है लोग दीवार के साथ ही लघु शंका करते हुए दिखाई देते हैं। ऐसे में महिला यात्रियों को सिर झुकाकर गुजरना पड़ता है। बस स्टैंड के पास सफाई व्यवस्था को दुरुस्त करना सबसे जरूरी है।
कर्ण, यात्री
नियमित रूप से हो सफाई
सफाई वाले आते हैं तो लेकिन गंदगी निकालने के बाद वहीं ढेर लगाकर चले जाते हैं। कुछ दिन बाद दोबारा से वहीं हालात हो जाते हैं। पहले तो उन्हें मुख्य नाले की नियमित तौर पर सफाई करनी चाहिए ताकि पानी की निकासी हो सके और नालियों में गंदगी के ढेर न लगे।
लाभ सिंह, यात्री
नहीं हो पाती गंदे पानी की निकासी
बस स्टैंड के बाहर सड़क के बीचोंबीच नाले के ऊपर कोई ढक्कन ही नहीं है। कोई भी गंदगी फेंककर चला जाता है। यही कारण है कि लंबे समय से मुख्य नाले के बीच में पत्थर फंसने के कारण गंदे पानी की निकासी नहीं हो पाती है। नगर परिषद के अधिकारियों को तुरंत संज्ञान लेते हुए इसका कोई ठोस समाधान करना चाहिए।
पंकज, यात्री
कई बार बस स्टैंड के बाहर नाले की सफाई को लेकर को लेकर पत्र लिख चुके हैं। अभी तक नगर परिषद की ओर से कोई ठोस समाधान नहीं हुआ है। नालों में पानी निकासी की व्यवस्था हो जाए तो इस परेशानी से छुटकारा मिल जाएगा। अजीत, बस अड्डा इंचार्ज अंबाला छावनी
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इस संबंध में लिखित में कोई शिकायत नहीं मिली है। कई बार पहले भी सफाई करवाई गई है। दोबारा से कोई समस्या है तो उसका समाधान किया जाएगा।
विनोद बैनिवाल, चीफ सेनेटरी इंस्पेक्टर नगर परिषद
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अंबाला। छावनी बस स्टैंड की बंद पड़ी दोपहिया वाहन पार्किंग में जमा सीवरेज का पानी यात्रियों व आसपास के दुकानदारों के लिए परेशानी का सबब बन गया है। बस स्टैंड के बाहर गंदगी व पत्थरों से अटे मुख्य नाले के कारण सफाई व्यवस्था दिन प्रतिदिन चरमराती जा रही है। कुछ नालियों की जगह पर स्थानीय दुकानदारों ने अतिक्रमण कर रखा है। बावजूद नगर परिषद के अधिकारी अनदेखी कर रहे हैं। ऐसे में बस स्टैंड में आने वाले यात्रियों का यहां से गुजरना तक मुश्किल हो चुका है।

पार्किंग में जमा सीवरेज के पानी के कारण चारों ओर बदबू का आलम बना हुआ है। बता दें कि रोजाना छावनी बस स्टैंड से करीब 15 हजार यात्री चंडीगढ़, पंजाब व हिमाचल के लिए रवाना होते हैं। इतने में अधिकतर रोजाना अपने कामकाज के लिए एक से दूसरे शहर में जाते हैं। स्थानीय दुकानदारों की मानें तो बार-बार शिकायतों के बावजूद भी कोई समाधान नहीं होता दिख रहा है। इसके लिए नगर परिषद को नालों की पूरी तरह से सफाई करते हुए उसे खोलना चाहिए और नियमित तौर पर सफाई करनी चाहिए।

दीवार के साथ ही गंदगी के लगे हैं ढेर

बस स्टैंड की दीवार के साथ-साथ गंदगी के ढेर लगे हैं। नालियां ओवरफ्लो होने के कारण चारों तरफ बदबू का आलम रहता है। पास से गुजरना तक मुश्किल हो जाता है। सवारियां तक भी रुकना पसंद नहीं करती हैं। कई बार शिकायत करने के बावजूद भी महज खानापूर्ति की सफाई के कुछ नहीं होता।

अमन, चालक

अधिकारी, कर्मचारी नहीं दे रहे हैं ध्यान

बस स्टैंड की पार्किंग में सीवरेज का पानी जमा होने के कारण पास से निकलना तक मुश्किल हो जाता है। लंबे समय से यहीं नजारा देखने को मिलता है। बावजूद कोई भी अधिकारी व सफाई कर्मचारी इस ओर ध्यान देना तक उचित नहीं समझता। जबकि बस स्टैंड से रोजाना हजारों की संख्या में लोगों का आना-जाना लगा रहता है।

संजीव, कालपी

चलना पड़ता है सिर झुकाकर

बस स्टैंड की दीवार के ठीक बाहर एक सार्वजनिक शौचालय की व्यवस्था होनी चाहिए। अक्सर देखा जाता है लोग दीवार के साथ ही लघु शंका करते हुए दिखाई देते हैं। ऐसे में महिला यात्रियों को सिर झुकाकर गुजरना पड़ता है। बस स्टैंड के पास सफाई व्यवस्था को दुरुस्त करना सबसे जरूरी है।

कर्ण, यात्री

नियमित रूप से हो सफाई

सफाई वाले आते हैं तो लेकिन गंदगी निकालने के बाद वहीं ढेर लगाकर चले जाते हैं। कुछ दिन बाद दोबारा से वहीं हालात हो जाते हैं। पहले तो उन्हें मुख्य नाले की नियमित तौर पर सफाई करनी चाहिए ताकि पानी की निकासी हो सके और नालियों में गंदगी के ढेर न लगे।

लाभ सिंह, यात्री

नहीं हो पाती गंदे पानी की निकासी

बस स्टैंड के बाहर सड़क के बीचोंबीच नाले के ऊपर कोई ढक्कन ही नहीं है। कोई भी गंदगी फेंककर चला जाता है। यही कारण है कि लंबे समय से मुख्य नाले के बीच में पत्थर फंसने के कारण गंदे पानी की निकासी नहीं हो पाती है। नगर परिषद के अधिकारियों को तुरंत संज्ञान लेते हुए इसका कोई ठोस समाधान करना चाहिए।

पंकज, यात्री

कई बार बस स्टैंड के बाहर नाले की सफाई को लेकर को लेकर पत्र लिख चुके हैं। अभी तक नगर परिषद की ओर से कोई ठोस समाधान नहीं हुआ है। नालों में पानी निकासी की व्यवस्था हो जाए तो इस परेशानी से छुटकारा मिल जाएगा। अजीत, बस अड्डा इंचार्ज अंबाला छावनी

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इस संबंध में लिखित में कोई शिकायत नहीं मिली है। कई बार पहले भी सफाई करवाई गई है। दोबारा से कोई समस्या है तो उसका समाधान किया जाएगा।

विनोद बैनिवाल, चीफ सेनेटरी इंस्पेक्टर नगर परिषद

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