[ad_1]
पिलखनी से साहनेवाल तक डीएफसीसीआईएल रेल लाइन पर दौड़ रही मालगाड़ी। रेलवे
अंबाला। डीएफसीसीआईएल कॉरिडोर पर जान और माल की हानि न हो, इसके उचित प्रबंध किए जाएंगे। संवेदनशील और रिहायशी क्षेत्रों से जुड़े हिस्से को कंटीले तार लगाकर या फिर दीवार बनाकर सुरक्षित किया जाएगा।
यह योजना पिछले कुछ दिनों से हुए हादसों के लिए कॉरिडोर प्रबंधन की ओर से तैयार की जा रही है, जिससे कि किसी के जान-माल का नुकसान न हो। प्राप्त जानकारी अनुसार पिछले लगभग 10 से 15 दिनों में तीन से चार हादसे डीएफसीसीआईएल कॉरिडोर की लाइन पर हो चुके हैं और इसमें तीन लोगों की मौत भी हुई है। ऐसे में मामले की गंभीरता को देखते हुए उक्त योजना तैयार की गई है।
इसके तहत कॉरिडोर किनारे बसे गांवों में भी जागरूकता अभियान चलाया जाएगा ताकि रेल पटरी से आवागमन के दौरान किसी को कोई नुकसान न हो और वो मालगाड़ियों के संचालन को लेकर भी सतर्क रहें।
रेलवे यार्ड पर हादसा
अगस्त और सितंबर माह में दो हादसे अंबाला रेल यार्ड में डीएफसीसीआईएल कॉरिडोर पर हुए हैं। इन हादसों में दो व्यक्तियों की मालगाड़ी की चपेट में आने से मौत हो गई थी। वहीं वीरवार को भी कॉरिडोर के न्यू बराड़ा रेलवे स्टेशन पर एक महिला की मालगाड़ी की चपेट में आने से मौत हो गई थी। लगातार हो रहे मामलों को लेकर कॉरिडोर प्रबंधन भी परेशान है।
पिलखनी से साहनेवाल तक सेक्शन
अंबाला रेल मंडल के अधीन डीएफसीसीआईएल का काफी लंबा रेल सेक्शन है। इसमें यूपी के पिलखनी से पंजाब के साहनेवाल तक मालगाड़ियों के लिए अलग से रेल लाइन तैयार की गई है। इस पर सिर्फ मालगाड़ियों की ही संचालन होता है। लगभग 5500 करोड़ की इस परियोजना को तैयार करने में चार से पांच साल का समय लगा है।
वर्जन
पिछले कुछ हादसे संज्ञान में आए थे कि कुछ लोग कॉरिडोर की रेल लाइन पार कर रहे थे तो वो मालगाड़ी की चपेट में आ गए और उनकी मौत हो गई। इसलिए सुरक्षा को लेकर योजना तैयार की जा रही है ताकि हादसों को रोका जा सके।
पंकज गुप्ता, महाप्रबंधक, डीफसीसीआईएल अंबाला।
[ad_2]
Source link