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अंबाला सिटी। डायरिया मुक्त अभियान समाप्त होने के बाद भी कई जिलों में ओआरएस वितरण पूरा नहीं हुआ। इसके साथ ही कई जिलों में ओआरएस को पूरी मात्रा में नहीं मिल पाया था। इसलिए निदेशालय ने अब अभियान को आगे चलाने के निर्देश दिए हैं।
निदेशालय की ओर से प्रत्येक जिले को ओआरएस वितरित करने के लिए लक्ष्य दिए थे लेकिन अंबाला को छोड़कर किसी अन्य जिले ने इसे पूरा नहीं किया है। जिला अंबाला में अभी तक एक लाख 24 हजार 477 स्कूली बच्चों को ओआरएस वितरित किया है। अभियान के तहत 82 बच्चों को में डायरियां की समस्या मिली थी। अभियान एक जुलाई से शुरू हुआ था और 31 अगस्त तक जारी रहा था। अब विभाग सितंबर माह में भी अभियान जारी रखेगा।
इन जिलों में नहीं हो पाया वितरण
निदेशालय की ओर से पांच वर्ष तक के बच्चों की संख्या के आधार पर ओआरएस और जिंक की गोलियां देने के लिए घोल के पैकेट दिए गए थे। लेकिन इसके बाद भी अंबाला और कुरुक्षेत्र को छोड़ कर किसी भी जिले में सही प्रकार से ओआरएस और जिंक का वितरण नहीं हो पाया। इसमें करनाल और नूंह को ओआरएस घोल के पैकेट नहीं मिल पाए। जिला अंबाला में 92 प्रतिशत तो वहीं कुरुक्षेत्र में सिर्फ 50 प्रतिशत बच्चों को ही जिंक और ओआरएस वितरित किए गए हैं। सबसे कम नूंह में ओआरएस का वितरण किया गया है। जबकि यहीं पर सबसे अधिक मामले देखने को मिलें हैं। नूंह में 4496 बच्चों में डायरिया पाया गया है।
अंबाला में कर्मचारी जारी रखेंगे अभियान
जिला टीकाकरण के नोडल अधिकार डॉ जशनप्रीत सिंह ने बताया कि अंबाला में डायरिया अभियान के तहत 800 आशाएं जिला के 524 गांवों में सर्वे कर रही है। इसके साथ ही 200 एएनएम, 211 स्टाफ नर्स और 10 स्कूल टीमें अभियान में जुटी हुई है। जिला अंबाला में किसी भी बच्चे को डायरिया की गंभीर बीमारी नहीं है।
वर्जन
निदेशालय की ओर से अभियान को एक माह के लिए बढ़ा दिया गया है। जिन बच्चों को ओआरएस नहीं मिला है उन्हें इस माह में ओआरएस वितरित कर दिया जाएगा।
-डॉ जशनप्रीत सिंह, टीकाकरण नोडल अधिकारी, स्वास्थ्य विभाग अंबाला।
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