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संवाद न्यूज एजेंसी
पानीपत। स्टूडेंट्स फेडरेशन ऑफ इंडिया (एसएफआई ) ने पोस्ट मैट्रिक स्कॉलरशिप (पीएमएस) आवेदन प्रक्रिया को हर छात्रवृत्ति पोर्टल से हटाकर राष्ट्रीय छात्रवृत्ति पोर्टल (एनएसपी) पर करने का विरोध किया है। एसएफआई राज्य सचिव सुखदेव बूरा और प्रदेशाध्यक्ष अक्षय ने बताया कि पीएमएस कॉलेज व विश्वविद्यालय में पढ़ने वाले दलित, पिछड़ा वर्ग व आर्थिक रूप से कमजोर विद्यार्थियों को यह छात्रवृत्ति मिलती है जिसके लिए हरियाणा सरकार ने सभी छात्रवृत्तियों को हरछात्रवृत्ति पोर्टल के माध्यम से केंद्रित कर दिया था लेकिन अब पीएमएस को हरछात्रवृत्ति से हटाकर एनएसपी पोर्टल पर करने का निर्णय किया है। यह कदम छात्रों के लिए अनावश्यक जटिलताएं और तकनीकी परेशानियां उत्पन्न करेगा। इसके परिणाम विद्यार्थियों के सामने अभी से आने लग गए है द्वितीय वर्ष के विद्यार्थियों को यह पोर्टल मान्य नहीं कर रहा और आवेदन करने की प्रक्रिया भी जटिल है। पोर्टल के अंतर्गत ज्यादा संख्या में छात्रवृत्तियों की प्रक्रिया चलती रहती है इससे विद्यार्थियों को अनेक परेशानियों का सामना करना पड़ेगा जैसे तकनीकी जटिलता और बार-बार एरर छात्रों को दोबारा पंजीकरण करना पड़ेगा जिससे हजारों विद्यार्थियों के आवेदन लंबित रह जाएंगे। दोहरे पंजीकरण की समस्या, कॉलेज स्तर पर सत्यापन में देरी, राज्य नियंत्रण का अभाव, छात्रों की पहुंच में कमी एनएसपी पोर्टल का इंटरफेस अंग्रेजी में है यह तकनीकी रूप से कमजोर छात्रों के लिए अनुकूल नहीं है। इससे दलित, पिछड़ा व आर्थिक रूप से कमजोर विद्यार्थियों की शिक्षा के सामने चुनौती पैदा करेगा। एसएफआई छात्र संगठन हरियाणा सरकार के इस फैसले का विरोध करता हैं और सरकार से अपील करता है कि सरकार तुरंत यह निर्णय वापस ले और पीएमएस को हरछात्रवृत्ति पोर्टल पर ही चालू रखे। आवेदन की अंतिम तिथि बढ़ाई जाए ताकि सभी विद्यार्थी आवेदन कर सके।
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