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Ambala News: एसएनसीयू में 12 कर्मियों पर नवजातों का जिम्मा Latest Ambala News

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अंबाला सिटी। बीते 14 दिनों से चल रही हड़ताल के चलते शहरी स्वास्थ्य व्यवस्थाएं बिगड़ती नजर आ रही हैं।नागरिक अस्पताल में चल रहे एसएनसीयू में आ रहे मरीजों को देखने के लिए नियमित नर्सिंग स्टाफ ही नियुक्त है।

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ऐसे में कर्मचारियों पर काम का दबाव अधिक है। अस्पताल में 63 कर्मचारी है। जिनमें से 12 नियमित है। जो लगातार डयूटी दे रही हैं। जबकि एसएनसीयू में हर समय 20 कर्मचारियों की जरूरत रहती है। अधिकारियों का कहना है कि उन्होंने नियमित कर्मचारियों को काम पर लगाया हुआ है।

वर्तमान में एसएनसीयू सहित 15 बच्चों का उपचार किया जा रहा है। इसके साथ ही माताओं को भी नियमित कर्मचारी ही संभाल रहे हैं। नागरिक अस्पताल में रोजाना 10 से 20 प्रसव होते हैं। ऐसे में नियमित कर्मचारियों का काम भी बढ़ गया है। अधिकारियों का कहना है कि हड़ताल के बाद से अभी तक सिर्फ तीन गर्भवतियों को ही रेफर किया गया है। ये सभी मरीज गंभीर थे। अस्पताल प्रशासन गंभीर मरीजों को ही प्रसूति विभाग से रेफर कर रहा है। कर्मचारियों ने अपनी मांगे मनवाने के लिए नियमित भूख हड़ताल करने का फैसला लिया है। वीरवार को पांच कर्मचारी हरिंद्र सिंह, सुभाष, रितु, डॉ तमन्ना और रितिका शर्मा भूख हड़ताल पर बैठे रहे। एनएचएम कर्मचारी संघ के जिला प्रधान रमनदीप ने कहा कि रोजाना पांच कर्मचारी नियमित भूख हड़ताल करेंगे।

एड्स कंट्रोल सोसाइटी के कर्मचारी सातवें दिन भी हड़ताल पर

इधर मांगों को लेकर एड्स कंट्रोल सोसाइटी के कर्मचारी भी हड़ताल पर बैठ गए हैं। वीरवार को सांतवें दिन भी कर्मचारी हड़ताल पर रहे। कर्मचारियाें की हड़ताल के चलते एचआईवी सहित टीबी प्रोग्राम भी ठप हो रहे हैं। कर्मचारियों ने कहा कि वे एचआईवी मरीजों के इलाज में एक बहुत ही महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं, क्योंकि यह गंभीर बीमारी के मरीजों को देखते हैं क्योंकि किसी भी इलाज के शुरू होने से पहले एड्स या एचआईवी टेस्ट के बिना डॉक्टर भी मरीज को हाथ नहीं लगाते हैं। लेकिन वो इन मरीजों का उपचार करते हैं। कर्मचारियों की मांग है कि उन्हें भी एनएचएम की तर्ज पर सर्विस बाय लॉज दिए जाएं, दिल्ली की तरह उन्हें भी स्टेट शेयर दिया जाए, कर्मचारियों को अन्य भत्ते जैसे ईपीएफ भी दिया जाए और सभी कर्मचारियों को पक्का किया जाए।

वर्जन

विभाग की ओर से नियमित कर्मचारियों को नियुक्त किया गया है। प्राथमिकता के आधार पर गंभीर मरीजों के उपचार में कोई देरी नहीं हो रही है। प्रशासन की मदद से एंबुलेंस को चलवाया जा रहा है। कई ड्राइवर रोजाना के आधार पर भी भर्ती किए गए हैं।

-डॉ. राकेश सहल, सीएमओ अंबाला।

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