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अंबाला सिटी। एनीमिया मुक्त के तहत चलाए जा रहे विशेष अभियान में अब जिला अंबाला के स्वास्थ्य विभाग का एनसीडी विभाग अब नई प्रणाली इस्तेमाल करने जा रहा है। इसके तहत अब एनीमिया से ग्रस्त मरीजों की अलग से जांच होगी।
जांच में 10 प्रकार के टेस्ट कराए जाएंगे, जिससे कि पता लगाया जा सके कि मरीज को एनीमिया खून की कमी के कारण हो रहा है या फिर किसी अन्य कारण से उसे यह बीमारी है। इसके लिए विभाग अब रोजाना अलग-अलग क्षेत्रों से एनीमिया के मरीजों के सैंपल्स की जांच कराएगा। एक सप्ताह में ही यह कार्य शुरू हो जाएगा।
थैलेसीमिया हो सकता है एनीमिया का कारण
जिला एनसीडी अधिकारी डॉ. नीलम कुश्वाहा ने बताया कि जरूरी नहीं कि जो एनिमिया से ग्रस्त हो उसमें खून की कमी ही हो। एनिमिया से ग्रस्त मरीज को थैलेसीमिया की बीमारी भी हो सकती है। इस बीमारी से शरीर में हिमोग्लोबिन की मात्रा घट जाती है। इसलिए यह नई जांच का अभियान शुरू होने जा रहा है।
अभी तक एक लाख 36 की हुई जांच
एनसीडी विभाग ने अभी तक जिले में एक लाख 36 हजार लोगों की एनिमिया जांच की है इसमें छह माह से लेकर 59 माह के 12818 बच्चे, पांच वर्ष से नो वर्ष के 12179, 10 से 19 वर्ष के 23150, 20 से 49 वर्ष के 30021, 3818 गर्भवतियों, 2466 दूध पिलाने वाली माताएं और 51712 अन्य लोगों की एनिमिया जांच हुई है। इसमें अभी तक 441 एनिमिया ग्रस्त मरीज पाए गए हैं। इनमें
समय पर जांच जरूरी
डॉ. नीलम ने कहा कि एनीमिया की समय पर जांच करवाना अति आवश्यक है। समय पर जांच करवाने से गर्भवती को खून बढ़ाने के लिए आयरन की गोलियां दी जाती है। इससे गर्भवतियों को प्रसुति के समय कोई परेशानी नहीं होता और बच्चा भी स्वस्थ पैदा होता है। प्रसूति के समय एनिमिया के कारण गर्भवतियों की मौत हो जाती है। इसी को कम करने के लिए एनिमिया जांच अभियान चलाया जा रहा है।
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