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सीएमओ कार्यालय में प्रदर्शन करते हुए कर्मचारी। संवाद
अंबाला सिटी। एनएचएम कर्मचारियों के चलते अब अभियान भी रेंगते नजर आ रहे हैं। स्वास्थ्य विभाग की ओर से बीते माह में डायरिया मुक्त अभियान और एनिमिया जांच अभियान चलाया था। एनएचएम कर्मियों की हड़ताल के कारण अभी तक सिर्फ एक लाख मरीजों की ही एनिमिया जांच हो पाई है जबकि लक्ष्य पांच लाख लोगों को जांचने का है। इसी प्रकार डायरिया मुक्त अभियान भी अधर में लटकता दिखाई दे रहा है।
अधिकतर अभियानों में एएनएम कार्य करती हैं। हड़ताल के कारण अब सिर्फ नियमित एएनएम ही यह कार्य कर रही हैं। जिनपर अन्य सेवाओं से जुड़े कार्य भी हैं। इधर कर्मचारियों ने कहा कि अगर उनकी मांगे पूरी नहीं हुई तो वे कोरोना काल को दर्शाते हुए पीपी किट पहन कर अपना प्रदर्शन करेंगे। इतना ही नहीं कर्मचारी सरकार के विरोध में अपना मुंडन भी करवाएंगे, भीख भी मांगेंगे, पकौड़े भी बेचेंगे।
बीते वर्षों की हड़ताल का भी नहीं मिला वेतन
एनएचएम कर्मियाें के जिला सचिव डॉ सुनील हरि ने बताया कि कर्मचारी वर्ष 2017 से हड़ताल कर रहें हैं। हड़ताल के बाद विभाग ने वेतन देने का वादा भी किया था लेकिन अभी तक वर्ष 2017 के 13 दिन, 2018 के दो दिन, 2019 के 26 दिन, 2022 के तीन दिन का वेतन नहीं दिया है। अब भी कर्मचारी पिछले 18 दिनों से हड़ताल कर रहे हैं।
नशा मुक्ति केंद्राें की जांच भी प्रभावित
एनएचएम के तहत कई डॉक्टर भी हड़ताल पर है जिनमें से डॉ़ दिपांशी नशा मुक्ति केंद्रों की जांच कमेटी में शामिल है। हड़ताल के चलते एमओ डॉ़ राजेंद्र राय को स्वास्थ्य विभाग की ओर से अकेले ही केंद्रों की जांच करने जाना पड़ रहा है। उन्होंने बताया कि जिला स्तरीय जांच कमेटी में दो कर्मी स्वास्थ्य विभाग और दो कर्मचारी प्रशासन के होते हैं। जो विभिन्न केंद्रों में जाकर व्यवस्थाएं जांचते हैं।
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