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Ambala News: अंडरपास में जमा पानी रोजाना होती परेशानी Latest Haryana News

Ambala News: अंडरपास में जमा पानी रोजाना होती परेशानी Latest Haryana News

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अंबाला छावनी में रेलवे कॉलोनी के पास बना अंबाला-दिल्ली रेल लाइन के नीचे बना अंडरपास। संवाद

अंबाला। ट्रेनों को गति प्रदान करने के लिए रेलवे ने जगह-जगह रेलवे अंडरपास बनाए हैं लेकिन यह अंडरपास लोगों विशेषकर वाहन चालकों के लिए परेशानी का सबब बन गए हैं। यह परेशानी जलभराव के कारण है जोकि साल के 12 महीनों और 364 दिन रहती है। यह समस्या बारिश के दिनों में गंभीर रूप धारण कर लेती है और इस दौरान अंडरपास तालाब में परिवर्तित हो जाते हैं।

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ऐसा ही एक अंडरपास अंबाला छावनी में अंबाला-दिल्ली रेलवे लाइन पर बना हुआ है जोकि छावनी से डीआरएम कार्यालय और रेलवे कॉलोनी की तरफ जाने वाला प्रमुख रास्ता है। लेकिन अंडरपास की हालात लगातार खस्ता होती जा रही है। अंडरपास से पूरा दिन पानी टपकता रहता है जोकि ऊपर बिछी रेल लाइनों से आता है। इस दौरान कुछ पानी दीवारों से भी रिसता रहता है। वहीं सबसे बड़ी समस्या अंडरपास के अंदर घुसते ही होती है क्योंकि यहां पानी निकासी के लिए लगाई गई लोहे की जालियां गंदगी से अटी हुई हैं। जिन्हें कभी-कभार या फिर शिकायत के तहत ही साफ किया जाता है। जबकि लोहे की जालियां के नीचे पानी की निकासी के लिए जगह भी नाममात्र है।

पंप सेट की लेते हैं मदद

रेलवे के इस अंडरपास पर हर वर्ष लाखों रुपये खर्च होते हैं जोकि इसके रख-रखाव पर किए जाते हैं। वहीं पानी की निकासी सुचारु रखने के लिए रेलवे के इंजीनियरिंग विभाग के कर्मचारी पंप सेट का इस्तेमाल करते हैं ताकि जलभराव की समस्या को दूर किया जा सके।

लगाया खतरे का निशान

बारिश के दिनों में हादसा न हो, इसके लिए रेलवे ने कुछ समय पहले निशान भी लगाया है। इसमें खतरे के स्तर की जानकारी दी गई है। इसके अलावा आसपास की दीवारों पर मदद के लिए मोबाइल नंबर भी दिए गए हैं ताकि किसी भी मुश्किल की घड़ी में समस्या का समाधान कराया जा सके। वहीं भारी वाहनों के आवागमन पर रोक के लिए लोहे के एंगल लगाए गए हैं ताकि अंडरपास से गुजरने वाले वाहन के कारण ऊपरी हिस्से को कोई नुकसान न पहुंचे।

वर्जन

रेलवे अंडरपास की साफ-सफाई को लेकर विभागीय कर्मचारियों को विशेष हिदायत दी गई है। समय-समय पर मौके का मुआयना भी किया जाता है ताकि अंडरपास से निकलने वाले लोगों को परेशानी का सामना न करना पड़े।

निखिल, कार्यकारी अभियंता, रेल निर्माण।

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