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अंबाला सिटी। शहर के नई अनाज मंडी में शिक्षक महाआक्रोश रैली की। इसमें प्रदेशभर के निजी स्कूलों के संचालक और शिक्षक पहुंचे। रैली का आयोजन फेडरेशन ऑफ प्राइवेट स्कूल वेलफेयर एसोसिएशन और निसा के राष्ट्रीय अध्यक्ष कुलभूषण शर्मा के नेतृत्व में किया।
कुलभूषण शर्मा ने कहा कि निजी स्कूल संचालकों और शिक्षकों को यदि 20 अगस्त तक हक नहीं दिया तो सभी सांसदों और विधायकों को ज्ञापन साैंपा जाएगा। यदि इसके बाद भी स्कूलों की समस्याओं को हल नहीं हुआ तो वोट की चोट दी जाएगी। शर्मा ने दो टूक कहा कि वह सभी 55 मांगें मनवाकर रहेंगे। इसके बिना वह पीछे नहीं हटेंगे। उन्होंने यह भी कहा कि यदि इस सरकार ने उनकी मांग नहीं मानी तो आने वाली सरकार उनकी मांग मानेंगी। इस सरकार ने मांगों पर ध्यान नहीं दिया तो भूपेंद्र सिंह हुड्डा से भी मिलकर स्कूलों की मांगों को दूर करने के लिए एजेंडे में रखा जाएगा।
प्रदेशभर के निजी स्कूल संचालक परेशान
शर्मा ने कहा कि पिछले 10 वर्ष में प्रदेश भर के निजी स्कूल संचालकों से बात करने के बाद सामने आया है कि करीब 55 समस्या से निजी स्कूल संचालक परेशान है। इन परेशानियों के लिए सरकार से इन्हें दूर करने की मांग की जाती रही है, लेकिन सरकार ने कोई ध्यान नहीं दिया। उन्होंने कहा कि शिक्षकों और निजी स्कूल संचालकों को कमजोर समझने की सरकार गलती न करें। उन्होंने कहा कि उनकी अधिकतर मांग शिक्षा और परिवहन मंत्री से हैं। शर्मा ने कहा कि करीब 10 वर्ष पहले हरियाणा के करीब सभी प्राइवेट स्कूलों ने भाजपा को समर्थन दिया था और पार्टी ने भी अपने घोषणा पत्र में उनसे वायदा किया था कि सरकार बनने पर समस्याओं का समाधान होगा।
134-ए के तहत सरकार के पास राशि बकाया
कुलभूषण शर्मा ने बताया कि निजी स्कूल लगभग पिछले 10 वर्ष से सरकार की ओर से अनुमोदित 134-ए के तहत वंचित वर्ग के विद्यार्थियों को शिक्षा प्रदान कर रहे है और सरकार की तरफ सभी स्कूलों की राशि बकाया है। वर्ष 2022-23 में हरियाणा सरकार ने चिराग योजना शुरू की, जिसके भुगतान की राशि प्राइमरी तक 700 रुपये, मिडिल तक 900 रुपये और 9वीं से 12वीं तक 1100 रुपये तय किए गए। उन्होंने कहा कि दिल्ली सरकार जब 2700 रुपये प्रति विद्यार्थी प्रति माह मेधावी बच्चों की पढ़ाई के लिए दे रही है तो हरियाणा सरकार कोर्ट के आदेशों को मानते हुए प्रति विद्यार्थी राशि तय करें और 10 वर्षों से लंबित भुगतान को अविलंब विद्यालयों को जारी करें। शर्मा ने कहा कि हरियाणा के जिले जैसे जींद और अन्य जिनमें एनसीआर की किसी भी प्रकार की सुविधा नहीं है, लेकिन उन्हें एनसीआर घोषित कर दिया गया है, जिस कारण वहां चलने वाले बसों की वैधता 10 वर्ष कर दी गई है। ऐसे में खासकर इन जिलों के गांव में चल रहे कम फीस लेने वाले विद्यालयों के लिए भयंकर समस्या उत्पन्न हो गई है। ऐसे जिलों में स्कूल बसों की वैधता दो वर्ष बढ़ाकर निजी स्कूलों को राहत प्रदान की। रैली में महासचिव बलदेव सैनी, वरुण जैन, कोषाध्यक्ष ओम प्रकाश शर्मा, मुख्य सरंक्षण विजय टिटौली, मुख्य सलाहकार नरेश बराड़, तरसेम जिंदल, बीडी गाबा सरंक्षक, उपाध्यक्ष राजेश मुंजाल, अमित मेहता, जितेंद्र ढांडा, देसराज, सचिव कुलदीप शर्मा, जयबीर संधु, दीपक नारंग, दिनेश जोशी और महिपाल कौशिक मौजूद रहे।
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