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Ambala News: नारायणगढ़ सीट पर रोचक होगा मुकाबला, सीएम की साख दांव पर Latest Haryana News

Ambala News: नारायणगढ़ सीट पर रोचक होगा मुकाबला, सीएम की साख दांव पर Latest Haryana News

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वैभव शर्मा

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अंबाला। नारायणगढ़ विधानसभा सीट पर इस बार पूरे प्रदेश की निगाहें रहेंगी। कारण कि सीएम नायब सिंह सैनी का गांव मिर्जापुर माजरा इसी विधानसभा क्षेत्र के अंतर्गत आता है। यहां से पूर्व में वो विधायक भी रह चुके हैं, लेकिन फिलहाल यह सीट कांग्रेस के खाते में है। ऐसे में इस सीट पर जीत दर्ज करना भाजपा के लिए बड़ी चुनौती रहेगी, वहीं कांग्रेस भी इस सीट को बरकरार रखने में कोई कोर कसर नहीं छोड़ेगी।

वर्ष-2014 में मोदी लहर चली तो सीएम नायब सिंह सैनी यहां से विधायक का चुनाव लड़े थे, जिसमें उन्हें जीत मिली थी, मगर वर्ष 2019 में यह सीट कांग्रेस के पास चली गई। अब एक बार फिर से नारायणगढ़ विधानसभा क्षेत्र चर्चा में है। यहां से अभी तक कांग्रेस से मौजूदा विधायक शैली चौधरी के ही दोबारा मैदान में उतरने की चर्चा चल रही है। वहीं माना जा रहा है कि सीएम नायब सिंह सैनी की पत्नी सुमन सैनी या पूर्व प्रत्याशी सुरेंद्र सिंह पर भाजपा दांव चल सकती है। दूसरी ओर इस क्षेत्र की समस्याएं और चुनौतियां भाजपा ही नहीं बल्कि कांग्रेस के लिए भी राह कठिन बना सकती हैं। अब तक के चुनाव परिणामों को देखा जाए तो इस सीट पर कांग्रेस का दबदबा रहा है, मगर इनेलो और बसपा का जनाधार भी पूर्व के विधानसभा चुनावों में दिखता रहा है।

चार प्लानों में नारायणगढ़ विधानसभा में यह रहा चुनाव का परिणाम

नारायणगढ़ विधानसभा क्षेत्र में वर्ष-2019 में कांग्रेस से शैली चौधरी और भाजपा से सुरेंद्र सिंह के बीच मुकाबला था। इसमें शैली चौधरी ने 39.56 प्रतिशत मत पाकर भाजपा को पछाड़ा था। शैली चौधरी को कुल 53470 मत मिले थे तो भाजपा के सुरेंद्र सिंह को 32870 मतों से संतोष करना पड़ा था। इससे पहले वर्ष 2014 में नायब सिंह सैनी भाजपा की तरफ से मैदान में थे। उनके सामने कांग्रेस के रामकिशन गुर्जर टक्कर दे रहे थे। तब नायब सिंह सैनी ने इस सीट पर 39.8 प्रतिशत मत पाकर कांग्रेस को पछाड़ा था। जबकि रामकिशन गुर्जर को 31,570 मताें से संतोष करना पड़ा रहा था। खास बात यह है कि यहां पर कांग्रेस और भाजपा के अलावा बसपा ने भी अच्छा प्रदर्शन किया था। इस चुनाव में बसपा प्रत्याशी को 30736 मत मिले थे। वहीं वर्ष 2009 विधानसभा चुनाव की बात करें तो यहां इनेलो को कांग्रेस ने पछाड़ा था। तब यहां कांग्रेस से रामकिशन गुर्जर को 37298 मत मिले थे तो दूसरे स्थान पर इनेलो से राम सिंह को 28978 मत मिले थे। वहीं भाजपा से चुनाव लड़ रहे नायब सिंह सैनी को 8082 मत ही मिल सके थे। इससे पहले वर्ष 2005 में भी नारायणगढ़ सीट को कांग्रेस ने अपने नाम किया था। तब राम किशन गुर्जर ने 40877 मत प्राप्त कर इनेलो प्रत्याशी को शिकस्त दी थी।

लंबे समय से नारायणगढ़ को जिला बनाने की उठ रही मांग

नारायणगढ़ विधानसभा क्षेत्र की बात करें तो यहां के वाशिंदे लंबे समय से नारायणगढ़ को जिला बनाने की मांग उठाते रहे हैं, मगर इस पर अभी तक कोई कार्यवाही नहीं हुई। इसी प्रकार नारायणगढ़ का रेल लाइन से जुड़ने का सपना भी अभी तक अधूरा है। इसके साथ ही शुगर मिल से भुगतान की किसानाें को हमेशा से ही दिक्कत रही है। इसके साथ ही मेडिकल सेवाएं भी काफी लचर हैं। सरकारी अस्पताल हैं तो चिकित्सक नहीं है। इसके साथ ही उद्योग भी यहां पर नहीं हैं। लोग कालाआम्ब इंडस्ट्रीज पर ही निर्भर हैं। इसके साथ ही शिक्षा के क्षेत्र में भी यहां पर काम अधिक नहीं हुआ।

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