अंशु शर्मा
अंबाला। दो मासूम बेटियों की हत्या कर आरोपी मां ज्योति लोगों की आंखों में धूल झोंकती रही। कभी सदमे से बेहोशी का ढोंग कर तो कभी मोबाइल पर बच्चियों का स्टेटस लगा उसने पुलिस को गुमराह करने का प्रयास किया। यही कारण है कि हत्यारोपी मां को गिरफ्तार करने में पुलिस को छह दिन लग गए।
पुलिस के अनुसार, हत्यारोपी मां ने शातिराना अंदाज में वारदात को अंजाम दिया है। दो-दो हत्याएं करने के बाद भी ज्योति के माथे पर शिकन तक नहीं थी, लेकिन वह दिखावा करती रही। इंस्टाग्राम पर रील बनाते- बनाते असल जीवन में भी वह एक्टिंग करती रही। परिजनों और पड़ोसियों की आंखों में धूल झोंकने के लिए उसने इस कदर नाटक रचा कि खुलासे के बाद हर कोई दंग रह गया। बच्चियों की हत्या के बाद किसी को शक न हो इसलिए आरोपी मां सीधा दूसरे के घरों में साफ-सफाई का काम करने के लिए चली गई थी। जब तक घर में शोर मचता तो वह एक घर का काम निपटा चुकी थी। इसके बाद घर आते ही ज्योति ने सदमे में होने का ढोंग रचा। वह बार-बार गश खाकर गिर रही थी। परिवार के सभी सदस्य मां का सहारा बनने में लगे थे, उन्हें क्या पता था कि बच्चियों की हत्यारन वह स्वयं है। मुंह से कुछ गलत न निकल जाए इसलिए ज्योति ज्यादा किसी से बात भी नहीं कर रही थी। दोहरे हत्याकांड के दो दिन बाद लोगों को दिखाने के लिए उसने व्हाट्सएप के स्टेट्स पर मृत बच्चियों की फोटो भी अपलोड की थी। घटना का खुलासा करने के बाद पुलिस जब मंगलवार को आरोपी मां को लेकर घर आई तो दादा वेदप्रकाश ने कहा कि इसे तो फांसी होनी चाहिए।
तोता मिट्ठू बोलता तो खुल जाता राज
बड़ी बेटी कोमल ने बताया कि उसकी शादी से पहले दोनों बहनें उसके बिना नहीं रहती थीं। घर में तोता मिट्ठू भी पाला हुआ है, दोनों बहनें उसे भी बहुत प्रेम करती थीं। हत्या के समय घर पर केवल मिट्ठू था। अगर वह बोलता तो पहले ही पूरा राज खोल देता कि उस समय क्या हुआ था। उसने बताया कि दोनों बहनों की मौत के बाद से तोते के व्यवहार में भी बदलाव आया है।
सुबह हुए विकास के साथ झगड़े को भी ढाल बना रचा था खेल
हत्यारोपी मां ज्योति ने पूरी प्लानिंग से बच्चियों की हत्या की साजिश रची थी। दादा वेद प्रकाश के मुताबिक 31 जुलाई यानी हत्याकांड वाले दिन सुबह सात बजे घर पर विकास उर्फ काछा नाम का व्यक्ति आया, जिसने मेरे लड़के सोनू के ऊपर पैसे चोरी करने का आरोप लगाया था। साथ ही हाथापाई करने की कोशिश की थी। जाते हुए धमकाकर भी गया था। ऐसे में उसी समय ज्योति ने दोनों बच्चियों के हत्याकांड की कहानी को रचते हुए परिजनों के जाने के बाद वारदात को अंजाम दिया, ताकि हत्याओं का आरोप विकास उर्फ काछा पर आ जाए। बताया जाता है कि शोक मनाने के लिए ज्योति के माता-पिता भी आए थे, लेकिन जैसे ही उन्हें बेटी की असलियत का पता चला तो वह चले गए।