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गोबिंद नगर के गुरुद्वारा साहिब में नाम सिमरण करते अखंड कीर्तनी जत्थे। संवाद
अंबाला। 1947 में शहीद हुए सिंहों की याद को समर्पित वार्षिक अखंड कीर्तन रैणसबाई समागम का आयोजन शनिवार की सुबह सात बजे आरंभ हुआ जोकि सुबह चार बजे तक चला। यह समागम अखंड कीर्तनी जत्थों की ओर से अंबाला छावनी के गुरुद्वारा श्री गुरु सिंह सभा गोबिंद नगर में आयोजित किया।
समागम में देश-विदेश से आए लगभग 15 हजार श्रद्धालुओं ने शिरकत की और गुरु चरणों में नमन करके लाहीबाणी के जाप किए। इस मौके पर श्रद्धालुओं के लिए लंगर का विशेष प्रबंध किया गया था। जबकि व्यवस्थाओं में सहयोग के लिए गुरुद्वारा प्रबंधकों की ओर से सेवादारों की ड्यूटी लगाई थी। तीन दिवसीय समागम की शुरुआत 15 अगस्त को श्री गुरु ग्रंथ साहिब जी महाराज के पाठ से आरंभ की गई जोकि 17 अगस्त की सुबह लगभग 6 बजे गुरु चरणों में अरदास उपरांत संपन्न किए।
तत्पश्चात कीर्तनी जत्थों ने इलाहीबाणी के जाप से श्रद्धालुओं को निहाल किया। इस मौके पर मौजूद हरियाणा सिख गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी के वरिष्ठ उपाध्यक्ष व गोबिंद नगर गुरुद्वारा साहिब के प्रधान सुदर्शन सिंह सहगल मौजूद रहे। उन्होंने बताया कि हर वर्ष अखंड कीर्तन समागम का आयोजन पूरी निष्ठा व श्रद्धा भावना के साथ किया जाता है और इस समागम में गुरुद्वारा साहिब की प्रबंधक कमेटी द्वारा पूर्ण सहयोग किया जाता है।
गुरुद्वारा महासचिव और अखंड कीर्तन समागम करवाने वाले मुख्य सेवादार प्रीतपाल सिंह ने बताया कि 1947 के शहीद सिंहों की याद में प्रत्येक वर्ष अखंड कीर्तन समागम करवाया जाता है ताकि नामबाणी का सिमरण करते हुए उन्हें अपने श्रद्धासुमन अर्पित किए जा सकें। समागम के दौरान संगत को गुरुबाणी से जोड़ने के लिए धार्मिक पुस्तकों सहित अन्य कई स्टाल भी लगाए गए। उन्होंने बताया कि समागम में हरियाणा, पंजाब, हिमाचल, उत्तराखंड, यूपी, दिल्ली के अलावा इंगलैंड, कैनेडा, अमेरिका और आस्ट्रेलिया सहित अन्य देशों से भी काफी संख्या में संगत आती है।
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