[ad_1]
अंबाला। ओलंपिक के फाइनल मैच में पहुंची भारतीय महिला पहलवान विनेश फोगाट को 100 ग्राम वजन अधिक होने के कारण बाहर कर दिया। इस कारण विनेश का स्वर्ण पदक जीतने का सपना टूट गया। इसके साथ करोड़ों भारतीयों का दिल भी टूटा। विनेश को बाहर किए जाने के बाद से पहलवान खिलाड़ियों में मायूसी छा गई। विनेश ने 50 किलोग्राम में सेमिफाइनल मैच में क्यूबा की महिला खिलाड़ी को 5-0 से हराकर फाइनल मैच में पहुंची थी। छावनी के रामबाग रोड स्थित श्री हनुमान अखाड़े के पहलवान इससे निराश हैं। उनका कहना है कि वह विनेश के साथ हैं, उन्होंने काफी मेहनत की है।
छावनी के श्री हनुमान अखाड़ा के रॉक्सी पहलवान का कहना है कि विनेश फोगाट से स्वर्ण पदक की उम्मीद थी लेकिन ऐसे में उनका फाइनल मैच से बाहर होना हमारे लिए बहुत ही निराशजनक है। श्री हनुमान अखाड़ा के बिरेंद्र पहलवान ने कहा कि ऐसा नही होना चाहिए था विनेश फोगाट को ओर समय देना चाहिए था, जिससे वह देश के लिए स्वर्ण पदक जीत जाती। श्री हनुमान अखाड़ा के अभय ने कहा कि 100 ग्राम वजन अधिक होने के कारण विनेश फोगाट को बाहर कर दिया गया। यह बहुत दुखद है, खेल फेडरेशन को पहले देखना चाहिए था कि विनेश का वजन कैसे बढ़ गया। श्री हनुमान अखाड़ा के सुमित ने बताया कि कल रात विनेश फोगाट का पूरा मैच देखा। विनेश की जीत के बाद बहुत खुशी हुई लेकिन आज जैसे ही पता चला कि विनेश को 100 ग्राम वजन अधिक होने के कारण बाहर कर दिया गया है तो बहुत दुख हो रहा है।
इंटरनेशनल प्रतियोगिताओं में खिलाड़ी का वजन रोजाना सुबह लिया जाता है। अगर वजन थोड़ा भी अधिक हो तो उसे बाहर कर दिया जाता है। कुश्ती, भारोत्तोलन, ताइक्वांडो जैसे खेलों में वजन का खिलाड़ियों काे विशेष ध्यान रखना चाहिए। इससे पहले इस बात का ध्यान कोच, मैनेजर को रखना चाहिए। कई खिलाड़ी छोटी लापरवाही से प्रतियोगिता से बाहर हो जाते हैं।
-दीनानाथ चड्ढा, पूर्व इंटरनेशनल रेफरी, कुश्ती
[ad_2]
Source link