हड़ताल पर बैठे एड्स कंट्रोल सोसाइटी के सदस्य।
अंबाला सिटी। एनएचएम कर्मियों की हड़ताल 16 दिन से जारी है। हड़ताल ट्राॅमा सेंटर में बना सुकून केंद्र भी बंद हो गया है। इसके कारण सुकून केंद्र में 70 फॉलोअप और रोजाना आने वाले 20 मामलों में काउंसलिंग रुक गई है।
यहां नियुक्त दोनों सामाजिक अधिकारी एनएचएम कर्मी हैं। इसलिए वह भी हड़ताल बैठे हैं। कर्मचारियों के बिना सुकून केंद्र का काम ठप हो गया है। अब अस्पताल में काउंसलिंग के आ रही महिलाओं को अस्पताल कर्मी हड़ताल के बाद आने को कह रहे हैं।
बंद है काउंसलिंग का काम
एनएचएम कर्मियों की हड़ताल के चलते बीते 16 दिनों से काउंसलिंग का कार्य बंद है। रोजाना 10 से 20 एमएलसी और 15 दिनों में 70 काउंसलिंग होनी थी जो अब पूरी तरह से रुक गई है। केंद्र में जो काउंसलर तैनात हैं वे दोनों महिलाएं हैं और उन्हीं के पास इसकी मान्यता है। ऐसे में अब अन्य अधिकारी भी काउंसलिंग का काम नहीं कर सकते। अस्पताल कर्मी अब महिलाओं को हड़ताल के बाद आने को कह रहे हैं।
हड़ताल को 16 दिन हुए पूरे
नियमित करने की मांग को लेकर शनिवार को भी कर्मचारी हड़ताल पर रहे। कर्मचारियों की हड़ताल को 16 दिन हो गए हैं। हड़ताल के चलते स्वास्थ्य सेवाएं प्रभावित हो रही हैं। इधर विभाग जैसे- तैसे व्यवस्थाओं को बनाए रखने में जुटा हुआ है। एनएचएम कर्मचारियों का कहना है कि जब तक उन्हें सरकार की ओर से लिखित में उनकी मांगों का पत्र नहीं मिलता तब तक वे इसी प्रकार से अपनी हड़ताल जारी रखेंगे।
एड्स कंट्रोल सोसायटी के कर्मी भी हड़ताल पर
एड्स कंट्रोल सोसायटी के कर्मचारी भी पिछले नौ दिनों से हड़ताल पर बैठे हैं। इससे टीबी और एचआईवी संबंधित कार्य प्रभावित हो रहे हैं। कर्मचारियाें की मांग है कि उन्हें एनएचएम की तर्ज पर सर्विस बॉय लॉज दिया जाए, पड़ोसी राज्य दिल्ली की तरह स्टेट शेयर दिया जाए, कर्मचारियों को ईपीएफ सहित अन्य सुविधाएं दी जाए। कर्मचारियों का कहना है कि जब तक उनकी मांगे पूरी नहीं होती तब तक वे इसी प्रकार से अपना प्रदर्शन जारी रखेंगे।
वर्जन
विभाग की ओर से प्रयास किया जा रहा है कि आपातकालीन सेवाएं प्रभावित न हों। जिसके लिए नियमित व एचकेआरएन कर्मियों को लगाया गया है। एंबुलेंस चलाने के लिए भी कर्मचारी काम में जुटे हुए हैं।
-डॉ. राकेश सहल, सीएमओ स्वास्थ्य विभाग अंबाला।