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अंबाला। उदयपुर-दिल्ली सराय रोहिला एक्सप्रेस को चंडीगढ़ तक विस्तार करने की योजना है। इसके लिए रेलवे ने अंबाला मंडल से रिपोर्ट मांगी है। इस कार्य के लिए अंबाला मंडल के रेल प्रबंधक ने विभागीय अधिकारियों को आंकलन करने के निर्देश दिए हैं ताकि फाइनल रिपोर्ट तैयार करके जल्द से जल्द रेलवे को सौंपी जा सके। हालांकि प्राथमिक स्तर पर जानकारी सामने आई है कि पहले से ही चल रही ट्रेनों के कारण समय सारिणी के निर्धारण पर पेंच फंस सकता है और दूसरी परेशानी चंडीगढ़ स्टेशन पर रख-रखाव की सुविधा भी नहीं है। वहीं एक अतिरिक्त ट्रेन के संचालन से पहले से चल रही शताब्दी एक्सप्रेस सहित वंदे भारत पर भी असर पड़ सकता है। इसलिए अंबाला मंडल राजस्व के घाटे को लेकर किसी प्रकार का जोखिम लेने के मूड में नहीं है।
रेलवे की योजना
रेलवे ने उदयपुर से दिल्ली सराय रोहिल्ला के बीच चलने वाली चेतक एक्सप्रेस ट्रेन नंबर 20473 व 74 ट्रेन को चंडीगढ़ तक विस्तार करने की योजना बनाई है ताकि सोनीपत, पानीपत, कुरुक्षेत्र और अंबाला के लोगों को न केवल झीलों की नगरी उदयपुर के लिए सीधी ट्रेन की सौगात मिले बल्कि गुरुग्राम और रेवाड़ी के लिए भी यात्री आसानी से इस ट्रेन सुविधा का फायदा उठा सकें। वहीं खाटूश्याम धाम जाने वाले भक्त भी रींगस जंक्शन तक आसानी से पहुंच सकेंगे। जबकि यात्रियों को पहले इन जगहों पर जाने के लिए बसों का सहारा लेना पड़ रह था और इसमें समय व पैसे की बर्बादी हो रही थी।
संभावित टाइम- टेबल
ट्रेन नंबर 20474 उदयपुर-दिल्ली सराय रोहिला रोजाना शाम पांच बजे रवाना होकर अगले दिन सुबह 5.05 बजे सराय रोहिला पहुंचती है। रेलवे की संभावित समय सारिणी के अनुसार यह ट्रेन सराय रोहिला से सुबह लगभग 5.30 बजे रवाना होकर सुबह 9.15 बजे चंडीगढ़ पहुंचेगी। वापसी में ट्रेन नंबर 20473 चंडीगढ़ से दोपहर 3.45 बजे रवाना होकर शाम 7.40 बजे सराय रोहिला और अगले दिन सुबह 7.25 बजे उदयपुर पहुंचेगी। इस ट्रेन का ठहराव अंबाला कैंट सहित कुरुक्षेत्र, पानीपत व सोनीपत में भी हो सकता है।
उदयपुर से दिल्ली सराय रोहिला के बीच चलने वाली चेतक एक्सप्रेस के चंडीगढ़ तक विस्तार को लेकर रेलवे की तरफ से रिपोर्ट मांगी गई है। रिपोर्ट तैयार करने से पहले आंकलन किया जा रहा है कि पहले से संचालित किसी ट्रेन की समय सारिणी पर तो इसका असर नहीं पड़ेगा। अभी कुछ समय पहले ही अजमेर-चंडीगढ़ वंदे भारत का भी विस्तार किया गया है। ट्रेन संचालन से पहले यात्रियों की संख्या का भी विशेष ध्यान रखा जाता है ताकि राजस्व का नुकसान न हो।
मंदीप सिंह भाटिया, डीआरएम अंबाला।
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