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एक सवाल के जवाब में सांसद ने कहा कि सरकार हम लोगों के काम के लिए है। सरकार हमारे काम के लिए नहीं है। निजी काम के लिए कोई फोन नहीं उठाता, यही भाजपा की सच्चाई है।
अभिनेत्री कंगना रनौत
– फोटो : अमर उजाला
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अपनी इमरजेंसी फिल्म की रिलीज पर सेंसर बोर्ड की ओर से रोक लगाने से खफा मंडी से सांसद व फिल्म अभिनेत्री कंगना रनौत ने संवाद कार्यक्रम में कहा, ‘अब मुझे लगने लगा है कि अपनी फिल्म इमरजेंसी का नाम ही बदल दूं। इसका नाम रख दूं, नो वन किल्ड इंदिरा गांधी। सेंसर बोर्ड ने भी विरोध कर रहे संगठनों से मेरी बात कराए बिना ही फिल्म पर रोक लगा दी। मैं इससे बहुत निराश हूं।’
कंगना ने कहा कि पहले सेंसर बोर्ड ने मेरी फिल्म को रिलीज की अनुमति दे दी। अब रोक लगा दी। इसके लिए तर्क-वितर्क नहीं हुआ। सीधा बंदूकें तन रही हैं। मुझे कोई बातें सुनाई नहीं देती। यह फिल्म संविधान से जुड़ी एक अद्भुत घटना को सामने लाने वाली है। यह साक्ष्यों पर आधारित है। अगर सेंसर बोर्ड कहेगा तो इसके आधार बने दस्तावेज उपलब्ध कराए जाएंगे। अगर फिल्म का कोई दृश्य आधारहीन हुआ तो फिल्म से निकाल दिया जाएगा, लेकिन बात तो कीजिए। हमसे रोक लगाने से पहले कोई बात नहीं की गई।
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Amar Ujala Samvad: कंगना बोलीं- निजी काम के लिए भाजपा में फोन नहीं उठता, यही पार्टी की सच्चाई