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नई दिल्ली13 घंटे पहले
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रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया (RBI) के गवर्नर शक्तिकांत दास ने आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (AI) के बढ़ते रिस्क पर चिंता जताई है। उन्होंने कहा है कि AI पर जरूरत से ज्यादा डिपेंडेंसी फाइनेंशियल कमजोरियों को बढ़ा सकता है।
सोमवार को नई दिल्ली में RBI की 90वीं एनिवर्सरी पर आयोजित ‘सेंट्रल बैंकिंग एट क्रॉसरोड्स’ टॉपिक पर आयोजित कार्यक्रम में दास ने दुनियाभर में बढ़ते कर्ज पर भी चिंता जताई।
दास ने कहा कि यह मॉनेटरी पॉलिसी और फाइनेंशियल स्टेबिलिटी के लिए ठीक नहीं है। साथ ही उन्होंने जियो-पॉलिटिकल टेंशन और क्लाइमेट रिस्क से शुरू हुईं चुनौतियों से निपटने के लिए इंटरनेशनल कॉपरेशन के लिए आग्रह किया।
AI और मशीन लर्निंग से बिजनेस और प्रॉफिट बढ़े
दास ने कहा, ‘आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (AI) और मशीन लर्निंग (ML) जैसी मॉडर्न टेक्नोलॉजीज के डेवलपमेंट से फाइनेंशियल इंस्टीटयूशन के लिए बिजनेस और प्रॉफिट बढ़ाने के नए रास्ते खुले हैं।
साथ हीं, इन टेक्नोलॉजीज से फाइनेंशियल स्टेबिलिटी पर भी रिस्क बढ़ा है। ये रिस्क ऐसे समय में और बढ़ा जाता है जब इस मार्केट को कुछ कंपनियों का ही दबदबा है।’
बैंक AI का फायदा लें, उनको फायदा नहीं उठाने दें
AI की पूरी व्यवस्था अभी तक बहुत क्लियर नहीं है। ऐसे में इसके अंदर फैसले लेने वाले एल्गोरिदम को ऑडिट करना या उनको डिकोड करना मुश्किल हो जाता है।
इससे फाइनेंशियल मार्केट को ज्यादा खतरा हो सकता है। बैंकों को AI और बिगटेक का फायदा जरूर लेनी चाहिए लेकिन उन्हें फायदा नहीं उठाने देना चाहिए।
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टेस्ला के CEO एलन मस्क का कहना है कि आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (AI) अगले साल या ज्यादा से ज्यादा 2026 तक सबसे इंटेलिजेंट व्यक्ति से भी ज्यादा इंटेलिजेंट हो जाएगा। यह बात उन्होंने नॉर्वे वेल्थ फंड के CEO निकोलाई टैंगेन को दिए एक इंटरव्यू में कही।
उन्होंने अपने AI स्टार्ट-अप xAI के जरिए AI चैटबॉट ग्रोक को ट्रेंड(प्रशिक्षित) करने में आने वाली चुनौतियों पर भी चर्चा की। मस्क ने बताया कि एडवांस चिप की कमी के कारण ग्रोक के वर्जन-2 मॉडल की ट्रेनिंग में दिक्कत का सामना करना पड़ा।
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