Agnipath scheme: सेना में भर्ती की अग्निपथ योजना का दिल्ली-गुरुग्राम में भारी विरोध, छात्रों ने सड़कों-रेलवे ट्रैक पर लगाया जाम


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केंद्र सरकार द्वारा सेना में भर्ती के लिए हाल ही में पेश की गई अग्निपथ योजना का दिल्ली-एनसीआर में भारी विरोध हो रहा है। जहां गुरुवार को छात्रों ने सड़कों पर जाम लगा दिया वहीं दिल्ली के नागलोई इलाके में छात्रों ने रेलवे ट्रैक जाम कर दिया।

गुरुग्राम में दिल्ली-जयपुर हाईवे जाम कर दिया गया है। सड़कों पर जमा छात्रों का कहना है कि पहले तो तीन साल से सेना में भर्ती नहीं हो रही थी। अब सिर्फ चार साल की नौकरी वाली योजना पेश कर दी। ये हमारे साथ धोखा है।

इसके अलावा बिहार के विभिन्न जिलों में भी केंद्र सरकार की इस योजना का भारी विरोध किया जा रहा है। वहां कानून व्यवस्था तहस-नहस हो चुकी है।

बुलंदशहर में भूड़ चौराहे पर युवाओं ने किया प्रदर्शन, पुलिस ने फटकारी लाठियां

कोतवाली देहात क्षेत्र में भूड़ चौराहे पर अग्निपथ योजना के खिलाफ सेना भर्ती की तैयारी करने वाले युवा सड़क पर उतर गए और जाम लगा दिया, जिसके बाद पुलिस ने जाम लगाने वाले युवाओं को लाठियां भांजकर खदेड़ दिया। युवाओं ने आसपास होटलों में घुसकर अपनी जान बचाई। पुलिस ने आधा दर्जन युवाओं को हिरासत में लिया। अग्निपथ के खिलाफ सड़क पर उतरे सैकड़ों युवा अपने हाथों में तिरंगा लेकर प्रदर्शन करने लगे। प्रदर्शन कर रहे युवाओं ने अग्निपथ योजना को युवाओं के कैरियर से खिलवाड़ बताया।

अलीगढ़ में रामघाट रोड पर अग्निपथ योजना का हुआ विरोध

अलीगढ़ पीएसी के निकट रामघाट रोड पर अभ्यर्थी जाम लगाकर प्रदेश सरकार द्वारा अग्निपथ योजना से चार वर्ष के कार्यकाल के बाद सेवामुक्त हुए अग्निवीरों को पुलिस सेवा में वरीयता देने का विरोध कर रहे हैं। उनकी मांग है कि थल सेना, वायु सेना, नौसेना में फिजिकल, मेडिकल परीक्षा पास करने वाले अभ्यर्थियों की लिखित परीक्षा करा कर जल्द नियुक्ति दी जाए। उनकी मांग है कि तीनों सेनाओं में पूर्व भर्ती प्रक्रिया के तहत ही भर्ती की जाए। उनका कहना है कि मांग नहीं मानने पर सड़कों पर उतर कर व्यापक आंदोलन किया जाएगा।

अग्निपथ योजना क्या है?

‘अग्निपथ भर्ती योजना’ के तहत युवाओं को चार साल की अवधि के लिए सेना में शामिल होने का मौका मिलेगा। साढ़े 17 साल से 21 साल के युवा लड़के और लड़कियां इसके पात्र होंगे। इसके लिए 10वीं से लेकर 12वीं तक के छात्र आवेदन कर सकेंगे। इसकी शुरुआत 90 दिन के भीतर हो जाएगी। इस साल 46 हजार अग्निवीरों की भर्ती की जाएगी। पहली भर्ती प्रक्रिया में युवाओं को छह महीने की ट्रेनिंग दी जाएगी। ट्रेनिंग का समय भी चार साल में शामिल होगा।

सेवानिधि पैकेज क्या है?

हर अग्निवीर को भर्ती के साल 30 हजार महीने तनख्वाह मिलेगी। इसमें से 70 फीसदी यानी 21 हजार रुपये उसे दिए जाएंगे। बाकी 30 फीसदी यानी नौ हजार रुपये अग्निवीर कॉर्प्स फंड में जमा होंगे। इस फंड में इतनी ही राशि सरकार भी डालेगी। दूसरे साल अग्निवीर की तनख्वाह बढ़कर 33 हजार, तीसरे साल 36.5 हजार तो चौथे साल 40 हजार रुपये हो जाएगी। चार साल में उसकी कुल बचत करीब 5.02 लाख रुपये होगी। वहीं सरकार की ओर से भी इतनी ही रकम जमा की जाएगी। नौकरी पूरी होने के बाद उसे ये रकम ब्याज सहित मिलेगी। जो करीब 11.71 लाख रुपये होगी। ये रकम टैक्स फ्री होगी। 

सेवा के दौरान शहीद होने या दिव्यांग होने पर आर्थिक मदद का प्रावधान भी है। अगर कोई अग्निवीर देश सेवा के दौरान शहीद हो जाता है तो उसे सेवा निधि समेत एक करोड़ से ज्यादा की राशि ब्याज समेत दी जाएगी। इसके अलावा बची हुई नौकरी का वेतन भी दिया जाएगा। अगर कोई जवान ड्यूटी के दौरान डिसेबिल यानी दिव्यांग हो जाता है तो उसे 44 लाख रुपये तक की राशि दी जाएगी और बची हुई नौकरी का भी वेतन दिया जाएगा। चार साल की नौकरी के बाद युवाओं को सेवा निधि पैकेज दिया जाएगा, जो 11.71 लाख रुपए होगा।

क्या इस योजना के बाद अभी होने वाली सेना भर्तियां बंद हो जाएंगी?

नई योजना मौजूदा खुली भर्ती की जगह ही लाई गई है। अभी जनरल ड्यूटी के अलावा, क्लर्क, स्टोर कीपर, ट्रेडमैन, नर्सिंग असिस्टेंट जैसे पदों के लिए खुली भर्ती होती है। इसमें चयनित होने वाले युवा करीब साढ़े 17 साल सेना में सेवाएं देते हैं। सेवा समाप्त होने के बाद इन्हें पेंशन भी मिलती है। अब इन पदों पर केवल चार साल के लिए भर्ती होगी। इन अग्निवीरों को कोई पेंशन नहीं मिलेगी। सेवाकाल समाप्त होने के बाद उन्हें एकमुश्त राशि ही मिलेगी।

चार साल की सेवा के बाद अग्निवीर का क्या होगा?

चार साल के सेवाकाल के बाद 75 फीसदी जवानों की सेवाएं समाप्त हो जाएंगी। अधिकतम 25 फीसदी को रेगुलर काडर में जगह मिलेगी। इसके लिए सेवाकाल पूरा होने के बाद ऐच्छिक आधार पर रेगुलर काडर के लिए आवेदन करना होगा।

चार साल के बाद जिन जवानों को सेवा मुक्त किया जाएगा उनका क्या होगा?

जिन जवानों को सेवा से मुक्त किया जाएगा, उन्हें सशस्त्र बल व अन्य सरकारी नौकरियों में वरीयता मिलेगी। प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान रक्षा मंत्री ने कहा कि चार साल के सेवाएं देने वाले अग्निवीर को कई राज्यों और केंद्रीय मंत्रालयों में आने वाली नौकरियों में प्राथमिकता दी जाएगी। रक्षा मंत्री के एलान के बाद राज्यों के ओर से इस तरह की घोषणाएं भी होने लगी हैं। उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ और मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने कहा कि मध्य प्रदेश पुलिस में अग्निवीर जवानों को भर्ती में प्राथमिकता दी जाएगी।  

सेना में भर्ती होने वाले सैनिक के लिए क्या-क्या बदलेगा?

नई योजना में भर्ती की प्रक्रिया पहले की ही तरह रहेगी। चयनित होने के बाद छह महीने की कठिन ट्रेनिंग होगी। इसके बाद तैनाती होगी। नई योजना से सेना में युवाओं को ज्यादा मौके मिलेंगे। अभी सेना की औसत आयु 32 साल है। योजना लागू होने के बाद अगले छह से सात साल में ये घटकर 24 से 26 साल हो जाएगी।

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केंद्र सरकार द्वारा सेना में भर्ती के लिए हाल ही में पेश की गई अग्निपथ योजना का दिल्ली-एनसीआर में भारी विरोध हो रहा है। जहां गुरुवार को छात्रों ने सड़कों पर जाम लगा दिया वहीं दिल्ली के नागलोई इलाके में छात्रों ने रेलवे ट्रैक जाम कर दिया।

गुरुग्राम में दिल्ली-जयपुर हाईवे जाम कर दिया गया है। सड़कों पर जमा छात्रों का कहना है कि पहले तो तीन साल से सेना में भर्ती नहीं हो रही थी। अब सिर्फ चार साल की नौकरी वाली योजना पेश कर दी। ये हमारे साथ धोखा है।

इसके अलावा बिहार के विभिन्न जिलों में भी केंद्र सरकार की इस योजना का भारी विरोध किया जा रहा है। वहां कानून व्यवस्था तहस-नहस हो चुकी है।

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