सीएम मनोहर लाल के साथ कुलदीप बिश्नोई और भव्य बिश्नोई।
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आदमपुर उपचुनाव की घोषणा के साथ ही हरियाणा में सियासत गर्मा गई है। पिछले 54 साल से यहां पर भजनलाल परिवार का कब्जा रहा है। 1968 से चली आ रही भजनलाल परिवार की इस विरासत को इस बार उनका पोता संभालने की तैयारी कर रहा है। लंबे समय से सत्ता से दूर इस परिवार के लिए अब सत्ता से बाहर रहना मुश्किल हो गया है।
यही कारण है कि कुलदीप बिश्नोई को कांग्रेस छोड़ भाजपा का सहारा लेना पड़ा। अब इस गढ़ में सेंध लगाने के लिए अन्य राजनीतिक दल भी कोशिश कर रहे हैं। जिसमें कांग्रेस किसी भी कीमत पर इस सीट पर कब्जा करना चाह रही है। पूर्व सीएम भूपेंद्र सिंह हुड्डा के लिए यह सीट प्रतिष्ठा का प्रश्न बन गई है, क्योंकि आलाकमान पर लगातार दबाव बना रहे हुड्डा को अब हरियाणा में फ्री हैंड मिल गया है।
कांग्रेस डेलीगेटस की सूची में भी हुड्डा का दबदबा रहा है और अपनी पसंद का प्रदेश अध्यक्ष बनवाने में भी भूपेंद्र सिंह हुडडा की पूरी चली है। हुडडा हमेशा यह कहते रहे हैं कि हरियाणा में कांग्रेस उनके हिसाब से चले तो हरियाणा की चौधर कांग्रेस की झोली में आनी तय है। लिहाजा अब आलाकमान को भी यह उम्मीद है कि हुड्डा आदमपुर की सीट कांग्रेस की झोली में डालें।
लेकिन डगर आसान नहीं है इस चुनाव में आम आदमी पार्टी भी कूदेगी। अभी तक के दो उपचुनाव में मुकाबला कांग्रेस और भाजपा में होता रहा है। इस बार आम आदमी पार्टी के मैदान में आने से मुकाबला और रोचक हो जाएगा,क्योंकि हिसार में दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल का घर है। आम आदमी पार्टी इस चुनाव के बहाने 2024 के विधानसभा चुनाव में दमदार एंट्री करने के प्रयास में है।
पार्टी का मानना है कि दिल्ली और पंजाब की फतेह के बाद हरियाणा में घुसना पार्टी के लिए आसान होगा। भारतीय जनता पार्टी इस चुनाव को भजनलाल परिवार के सहारे जीतना चाह रही है। पार्टी का मानना है कि उपचुनाव में भजनलाल परिवार के नाम पर जो वोट मिलने हैं वे तो मिलेंगे ही साथ ही भाजपा जजपा गठबंधन के नाम पर भी वोट पड़ेंगे और इस क्षेत्र में भाजपा को और मजबूती मिलेगी। वर्तमान में हिसार से डॉ. कमल गुप्ता मंत्री हैं। वे भी कांग्रेस की सावित्री जिंदल को हराकर यहां से जीते हैं।
1968 से लेकर 1982 तक भजन लाल आदमपुर सीट से विधायक रहे हैं। उनके अलावा उनकी पत्नी जसमा देवी भी यहां से चुनाव लड़ चुकी हैं। कुलदीप बिश्नोई और उनकी पत्नी रेणुका बिश्नोई भी यहां से चुनकर विधानसभा तक पहुंच चुके हैं। अब भव्य बिश्नोई को चुनाव लड़वाने की तैयारी है।
सोनाली फोगाट की बहन लड़ सकती है चुनाव
आदमपुर विधानसभा के उपचुनाव में सोनाली फोगाट की बहन रुकेश पूनिया भी चुनाव लड़ सकती हैं। हाल ही में हिसार की जाट धर्मशाला में हुई सर्व खाप महापंचायत में उन्होंने इसके संकेत दिए थे। उनके पति ने इसकी पुष्टि की थी कि अभी पार्टी तय नहीं लेकिन रुकेश चुनाव जरूर लड़ेंगी। सोनाली फोगाट की राजनीतिक विरासत उनकी बहन को ही सौंपी गई। जिस पर सोनाली की बेटी यशोधरा ने भी सहमति जताई थी।
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