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घर से हंसी खुशी धार्मिक यात्रा पर निकले परिवार को एक पिकअप चालक की लापरवाही ने तहस-नहस कर दिया। पल भर में सारी खुशियां मातम में बदल गई। परिवार तो जिंदगी के लिए मन्नत मांगकर घर लौट रहा था, पर केएमपी पर पिकअप गाड़ी मौत बनकर खड़ी थी। माता-पिता के साथ माता वैष्णो देवी के दर्शन कर लौैट रहे मासूम बच्चों को क्या पता था कि माता-पिता के साथ वे जा तो रहे हैं पर उनके साथ घर नहीं लौट सकेंगे। ऐसा ही हुआ है मासूम यश और कृतिका के साथ।
इन बच्चों ने सोचा भी नहीं था कि वैष्णो देवी की यह यात्रा उनके माता-पिता की अंतिम यात्रा साबित होगी। दोनों बच्चे अपने माता पिता, चाचा, चाची, दादी और नानी के साथ 4 जून को वैष्णो देवी के दर्शन के लिए गए थे। अब 12 वर्षीय कृतिका और 10 साल के यश के सिर से माता-पिता का साया उठ गया है और दोनों खुद भी अस्पताल में उपचाराधीन हैं।
हालांकि बच्चों की हालत खतरे से बाहर बताई गई है। लेकिन हादसे ने उनसे माता-पिता को छीन लिया है। बच्चों की मां नीलम और पिता संदीप की दर्दनाक हादसे में मौत हो गई। इसी हादसे ने दादी बीरमति और नानी तारावती को भी लील लिया।
यात्रा पर साथ गए अनिल कुमार पुत्र खेमचंद ने बताया कि वह केयूवी-100 और क्रेटा गाड़ी में वैष्णो देवी गए थे। यात्रा में उनके साथ छोटे भाई संदीप और उनके परिवार के साथ-साथ माता भी थीं। बड़ी खुशी-खुशी धार्मिक यात्रा के लिए जा रहे अनिल ने राजस्थान के अलवर में अपनी ससुराल से सास को भी घर पर बुलाया गया था ताकि पूरा परिवार और रिश्तेदार एक साथ यात्रा कर सकें।
लेकिन यात्रा उनके परिवार के लिए काल साबित हुई और खेलते हुए परिवार को तबाह कर दिया। उन्हें क्या मालूम था कि बादली टोल के पास एक पिकअप गाड़ी मौत बनकर उनके परिवार के सामने खड़ी है। हादसा इतना भयंकर था कि घटना स्थल पर घायलों की चीख-पुकार से हर कोई दहल गया।
गाड़ी के शीशे और खिड़कियां तोड़कर घायलों को बाहर निकाला गया। घटना स्थल पर बच्चों के खिलौने बिखरे पड़े थे जिन्हें देखकर हर किसी के आंसू निकल पड़े। घटना स्थल पर दूर-दूर तक खून बिखरा था। भीषण दुर्घटना का मंजर देखने वालों के भी रोंगटे खड़े हो गए। किसी ने शीशे तोड़े तो किसी ने खिड़की तोड़कर घायलों को बाहर निकाला।
अवैध ढाबे, होटल और खोखे बन रहे केएमपी पर हादसों का कारण
केएमपी पर जगह-जगह अवैध ढाबे और होटल बने हैं। इन्हीं पर खाना लेने और आराम करने के लिए बड़े वाहन चालक गाड़ियों को रोक लेते हैं। अधिकतर हादसों का कारण अवैध दुकानें ही बन रही हैं। गुरुवार को भी जहां बड़ा हादसा हुआ है वहां से कुछ ही दूरी पर अवैध रूप से ढाबा चलता है।
अनुमान लगाया जा रहा है पिकअप चालक ढाबे के पास गाड़ी को रोककर चला गया था व दुर्घटना के बाद मौके पर पहुंचा। केएमपी पर कई जगह काफी संख्या में बड़े वाहन कतार में खड़े रहते हैं। जिससे छोटे वाहनों के चालकों को परेशानी का सामना करना पड़ता है और कई बार बड़े हादसे भी होते हैं। पिछले वर्ष जनवरी और अक्तूबर माह में भी केएमपी पर खड़े ट्रक में 20 से अधिक वाहन टकरा गए थे। बाढ़सा के पास तो 45 छोटे और बड़े वाहन एक साथ टकराए थे जबकि बादली के पास 22 वाहन टकराए और एक चालक की मौत भी हुई थी।
अक्तूबर माह में उत्तर प्रदेश के एक ही परिवार के 10 लोगों की मौत हो गई थी। गुरुवार को भी हादसे के बाद दो घंटों तक केएमपी पर यातायात बाधित रहा। बार-बार होने वाले हादसों के बाद भी हाइवे अथॉरिटी और पुलिस की ओर से कार्रवाई नहीं की जाती।
इसी का परिणाम है कि बहुत स्थानों पर अवैध ढाबे और चाय के खोखे रखे हुए हैं। कई जगह डीजल बेचने और खरीदने का काम भी अवैध तरीके से किया जाता है। केएमपी पर तेल की टंकियां रखकर तेल बेचने का धंधा होता है। कई ट्रक चालक अपने ट्रक से तेल निकालकर बेच देते हैं।
इसी धंधे को चलाने के लिए कई जगह खोखे रखे गए हैं। ऐसा भी नहीं है कि प्रशासन को अवैध खोखों और ढाबों की जानकारी नहीं है। लेकिन कई बड़े हादसों के बावजूद प्रशासन नहीं जाग रहा। संबंधित एजेंसी की ओर से नियमित निरीक्षण भी किया जाता है। एएसपी अमित यशवर्धन का कहना है कि अवैध ढाबों और खोखों पर कार्रवाई के लिए संबंधित विभाग को लिखा जाएगा और पुलिस भी अपने स्तर पर कार्रवाई करेगी।
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