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जाखल के सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र में अपना इलाज करवाने के लिए पहुंचे मरीज।
जाखल। सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र जाखल में चिकित्सकों व कर्मचारियों की कमी से लेकर उपकरणों की बदहाली व दवाओं का अभाव है। जिस कारण खंड के करीब 24 गांवों के ग्रामीणों को बेहतर चिकित्सा सुविधा नहीं मिल पा रही है। रोजाना यहां 150 से अधिक ओपीडी रहती है। चिकित्सकों के तीन पद खाली पड़े हैं, ऐसे में लोगों को सही से उपचार नहीं मिल पाता। जिस कारण उन्हें या तो टोहाना जाना पड़ता है या फिर निजी अस्पताल।
बता दें कि करीब डेढ़ दशक पूर्व जाखल में स्थापित किए गए प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र को आठ साल पहले सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र का दर्जा मिला था। उसके बाद तीस बेड की क्षमता वाले इस केंद्र में एक्स-रे, एंबुलेंस, जनरेटर, डेंटिस्ट व अन्य चिकित्सा सुविधाओं की बहाली की उम्मीदें जगी थी। मगर चिकित्सकों व संसाधनों के अभाव में यह केंद्र लोगों की उम्मीदों पर खरा नहीं उतर सका।
रोजाना 150 से अधिक मरीजों की होती है ओपीडी
कस्बे के अलावा आसपास के गांवों और निकटवर्ती पंजाब क्षेत्र के मरीज भी उपचार के लिए इस सीएचसी में पहुंचते हैं। यहां पर प्रतिदिन 150 से अधिक मरीजों की ओपीडी रहती है। वरिष्ठ चिकित्सा अधिकारी के मुताबिक जाखल सीएचसी में चिकित्सकों के कुल सात पद स्वीकृत हैं, परंतु भरे 4 ही हैं। फार्मासिस्ट के दो पद स्वीकृत हैं, लेकिन दोनों ही रिक्त है। ऐसी स्थिति में सीएचसी में आने वाले मरीजों को दूसरे ट्रेनर कर्मी ही दवा दे रहे हैं। एसएमओ के अनुसार सीएचसी में चिकित्सक, फार्मासिस्ट के पद रिक्त व रंगीन एक्स-रे मशीन की मांग कई बार विभाग के उच्च अधिकारियों को भेजी गई है।
सबसे अधिक परेशान हो रही महिलाएं
जाखल सीएचसी में एक भी महिला चिकित्सक नहीं है। इस कारण गर्भवती महिलाओं का उपचार, उनकी देखभाल एवं प्रसव तक की जिम्मेदारी स्टाफ नर्स के सहारे ही चल रही है। सबसे अधिक परेशानी महिला मरीजों को झेलनी पड़ती है। प्रसव के लिए आने वाली महिला को मामूली सी दिक्कत होने पर ही टोहाना या फतेहाबाद रेफर करना पड़ता है, या फिर परिजनों को निजी अस्पताल में ले जाना पड़ता है।
जाखल के सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र में पिछले लंबे समय से चिकित्सकों की कमी खल रही है। सरकार को इस ओर विशेष ध्यान देना चाहिए। सरकारी अस्पताल में चिकित्सकों की कमी होने से यहां अस्पताल भवन पर करोड़ों रुपये खर्च करना बेकार साबित हो रहा है।
विक्रम सैनी, पूर्व पार्षद, जाखल
सीएचसी पर चिकित्सकों के पद रिक्त होना सरकार की नाकामी को दर्शाता है। इस अस्पताल में एक भी महिला चिकित्सक नहीं है। इससे महिला मरीजों को समस्या होती है। सरकार को तत्काल प्रभाव से सीएचसी केंद्र में महिला डॉक्टर की नियुक्ति करनी चाहिए।
-संजीव सिंगला, पूर्व मनोनीत पार्षद, जाखल
प्रदेश सरकार द्वारा आमजन को स्वास्थ्य सेवाएं देने के बड़े-बड़े दावे तो किए जाते हैं, लेकिन वास्तविकता इससे अलग है। सीएचसी में चिकित्सकों की कमी और एक भी महिला चिकित्सक न होना परेशानी भरा है। सरकार तुरंत चिकित्सकों के खाली पद भरे।
आदित्य बंसल, समाजसेवी, जाखल
जाखल खंड में 24 गांव हैं। पंजाब की सीमा से सटा होने के कारण यहां पर पंजाब से भी लोग उपचार कराने के लिए पहुंचते है। सरकार को सीएचसी में सुविधाएं उपलब्ध करवाने को लेकर मांग पत्र भी भेजे हैं, लेकिन अभी तक कोई सुनवाई नहीं हुई है।
-सुरेंद्र मित्तल, पूर्व सरपंच, जाखल मंडी
:: जाखल सीएचसी में चिकित्सकों के साथ महिला चिकित्सक व फार्मासिस्ट के पद रिक्त पड़े हैं। जिन्होंने फार्मासिस्ट का कोर्स किया हुआ है, व अन्य स्टाफ सदस्य मरीजों को दवाएं दे रहे हैं। सीएचसी की इस स्थिति के बारे में रिपोर्ट तैयार कर समय-समय पर उच्च अधिकारियों को प्रस्तुत की जाती है। सीएचसी में रंगीन एक्स-रे को लेकर भी सरकार को लिखा जा चुका है।
-डॉ. राजेश क्रांति, वरिष्ठ चिकित्सा अधिकारी, जाखल सीएचसी
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Fatehabad News: जाखल के सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र में चिकित्सा व्यवस्था पस्त, मरीज त्रस्त