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Pollution Affect Brain : अगर आप भी प्रदूषित हवा में सांस ले रहे हैं तो सावधान हो जाइए. क्योंकि सिर्फ 60 मिनट का वक्त ही आपके ब्रेन के फंक्शन को बिगाड़ सकता है. ऐसा हम नहीं कह रहे बल्कि एक स्टडी का दावा है.
बर्मिंघम यूनिवर्सिटी और मैनचेस्टर यूनिवर्सिटी के रिसर्चर के हालिया अध्ययन के अनुसार, पार्टिकुलेट मैटर (PM) के संपर्क में आने से दिमाग (Brain) के काम करने की क्षमता प्रभावित हो सकती है. इससे किसी चीज पर फोकस करने में दिक्कतें आ सकती हैं, पूरी तरह ध्यान भटक सकता है और कई दूसरी दिक्कतें भी हो सकती हैं. ऐसे में अलर्ट रहने की जरूरत है.
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कैसे हुई स्टडी
नेचर कम्युनिकेशंस में पब्लिश स्ट़डी में इंसानी बिहैवियर पैटर्न पर पॉल्यूशन के असर की जांच की गई. शोधकर्ताओं ने पाया कि प्रदूषित हवा में सिर्फ 60 मिनट तक रहने से फोकस और पहचान में कमी आ सकती है. 19 से 67 साल के 26 लोगों पर हुई इस स्टडी में पार्टिसिपेंट्स को चार अलग-अलग सेशन में आने को कहा गया.
शोधकर्ताओं ने एक लैब में मोमबत्तियां जलाकर कंट्रोल करने वाली पॉल्यूशन का वातावरण बनाया. इससे प्रदूषित शहरी वातावरण में पाए जाने वाले छोटे-छोटे कण पैदा हुए. कुछ पार्टिसिपेंट्स ने नाक में क्लिप पहनी और अपने मुंह से प्रदूषित हवा को अंदर लिया.बाकी ने अपनी नाक से सांस ली.
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शोधकर्ताओं ने यह भी पाया कि 60 मिनट तक प्रदूषित हवा में रहने के बाद उनका सेलेक्टिव अटेंशन और इमोशनल आइडेंटिटी कम हुई. हालांकि, कम समय के लिए प्रदूषण के संपर्क में रहने से मेमोरी प्रभावित नहीं हुई. ऐसे में पॉल्यूशनसे जितना हो सके, उतना बचने की कोशिश करनी चाहिए.
क्या कहते हैं शोधकर्ता
बर्मिंघम यूनिवर्सिटी के ऑथर प्रोफेसर फ्रांसिस पोप ने कहा कि खराब एयर क्वॉलिटी बौद्धिक विकास और प्रोडक्टिविटी को कम करती है. इससे दिमाग बुरी तरह प्रभावित होता है. मैनचेस्टर यूनिवर्सिटी के प्रोफेसर गॉर्डन मैकफिगन्स ने बताया कि यह अध्ययन ब्रेन पर वायु प्रदूषण के प्रभावों को समझने के महत्व को बताता है. इससे पता चलता है कि पॉल्यूशन ब्रेन के फंक्शन को बिगाड़ सकता है.
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60 मिनट भी प्रदूषण में बिताना खतरनाक, काम करना बंद कर सकता है दिमाग