[ad_1]
New Income Tax Bill: वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण आज लोकसभा में न्यू इनकम टैक्स बिल पेश कर सकती हैं, जो 1961 के आयकर अधिनियम की जगह लेगा. इसका ऐलान 1 फरवरी को बजट भाषण में किया गया था. हालांकि, यह कोई नया कानून नहीं है, बल्कि इसमें 64 साल पुराने मौजूदा इनकम टैक्स कानून को आसान बनाया गया है ताकि कोई आम आदमी भी इसे आराम से समझ सके. अब सवाल यह आता है कि न्यू इनकम टैक्स बिल क्यों जरूरी है और इससे देश की जनता को क्या फायदा होगा. आइए आपको इस खबर के जरिए इसी की जानकारी देते हैं.
न्यू इनकम टैक्स बिल की यह है सबसे बड़ी खूबी
नए इनकम टैक्स बिल की सबसे बड़ी खासियत यह है कि इसमें इनकम टैक्स से जुड़े प्रावधानों की व्याख्या को आसान बना दिया गया है, जिससे बढ़ती कानूनों विवादों और मुकदमों की संख्या कम हो. न्यू इनकम टैक्स बिल को सिर्फ 622 पन्नों में समेटा गया है. तबकि मौजूदा आयकर अधिनियम में 880 पन्ने हैं. सरकार का मकसद टैक्स सिस्टम को आसान बनाने के साथ इसका डिजिटलाइजेशन भी है, जिससे आम लोगों को राहत मिल सके.
वकील या CA की नहीं पड़ेगी जरूरत
मौजूदा इनकम टैक्स बिल में कई ऐसे शब्द या प्रावधान हैं, जिन्हें कई बार वकीलों के लिए भी समझना मुश्किल हो जाता है. ऐसे में इनका अलग-अलग मतलब निकाला जाता है और इससे कानूनी विवाद खड़े हो जाते हैं. अब इसे इतना आसान बनाया जा रहा है, जिसे समझने में किसी को कोई दिक्कत न हो. नए आयकर विधेयक में लंबे वाक्यों की जगह छोटे वाक्यों का इस्तेमाल किया गया है. इसे टेबल और फार्मूले के इस्तेमाल से सहज बनाया गया है.
टैक्स ईयर के कॉन्सेप्ट को किया गया शामिल
नए कानून में प्रीवियस ईयर और असेस्मेंट ईयर के कॉन्सेप्ट को ही खत्म कर दिया जा रहा है और सिर्फ टैक्स ईयर (अप्रैल से मार्च) को शामिल किया जा रहा है. मान लीजिए कि 2023-24 के इनकम पर टैक्स का भुगतान आप असेस्मेंट ईयर 2024-25 में करते हैं. कई बार ये चीजें आम लोगों की समझ से परे होते हैं. नए इनकम टैक्स बिल में गैर जरूरी प्रावधानों को हटाने के साथ ही साथ इसे रिफाइन किया गया है.
न्यू इनकम टैक्स बिल में नया क्या?
- न्यू इनकम टैक्स में एनपीएस (NPS) और EPF पर टैक्स छूट की लिमिट को बढ़ा दिया गया है. रिटायरमेंट फंड और म्यूचुअल फंड में निवेश पर टैक्स पर छूट का लाभ मिलेगा. बीमा योजनाओं पर भी अधिक टैक्स बेनिफिट मिलेगा.
- अगर कोई टैक्स बचाने के लिए गलत जानकारी देता है, तो उसके खिलाफ कड़े दंडात्मक प्रावधान हैं. इन पर मुकदमा भी चलाया जा सकता है. इनकम छुपाने पर प्रॉपर्टी को सीज तक किया जा सकता है.
- टैक्स न भरने वालों पर पेनाल्टी या अधिक ब्याज लगाया जा सकता है.
- राजनीतिक दलों और इलेक्टोरल ट्रस्ट की आय को टैक्स में छूट दी गई है. कृषि आय को कुछ शर्तों के तहत कर-मुक्त रखा गया है
- धार्मिक ट्रस्ट, सामाजिक कल्याण संस्थाओं को दान में दी गई राशि पर टैक्स छूट मिलेगी.
- इसी के साथ स्टार्टअप्स, एसएमई और विशेष व्यवसायों को भी टैक्स पर रियायतें दी गई हैं.
- किराये की आय पर टीडीएस सीमा को 2.4 लाख रुपये से बढ़ाकर 6 लाख रुपये सालाना कर दिया गया है.
- किसी भी संपत्ति या एसेट से होने वाले लाभ पर कैपिटल गेन टैक्स के नए नियम बनाए गए हैं.
ये भी पढ़ें:
[ad_2]
न्यू इनकम टैक्स बिल से आम आदमी को होंगे ये फायदे