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कालांवाली के तहसील कार्यालय में एक कोने में डिब्बे में पड़ीं भूमि पैमाइश की मशीनें। संवाद
संवाद न्यूज एजेंसी
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सिरसा। भूमि पैमाइश के लिए भेजी गईं आधुनिक मशीनें पिछले एक साल से तहसील कार्यालय के एक कोने में धूल फांक रही हैं। इनको चलाने के लिए प्रशासन के पास न तो प्रशिक्षित ऑपरेटर हैं और न ही रेट लिस्ट तय की गई है। इसके चलते लोगों को निजी एजेंसी से भूमि की पैमाइश करवानी पड़ रही है। इसके बदले में उनसे 15 से 20 हजार रुपये वसूल किए जा रहे हैं। वहीं, अधिकारियों का कहना है कि पटवारियों व कानूनगो की पूर्ण ट्रेनिंग के बाद ही ये मशीनें चालू हो पाएंगी।
भूमि पैमाइश से संबंधित कार्य सटीकता व विश्वसनीयता के साथ समय पर पूर्ण करने के उद्देश्य से अक्टूबर 2023 में सिरसा के अंतर्गत आने वाली 6 तहसीलों में 16 नए रोवर आए थे। इसके बाद से ये डिब्बे में ही बंद पड़े हैं। शुरू में जिले के सभी पटवारियों व कानूनगो को इसकी जानकारी दी गई थी। इसमें से 5 पटवारियों को चयनित करके चंडीगढ़ में कंपनी ने 3-4 दिन का प्रशिक्षण और प्रमाणपत्र दिया था। इसके बाद से यह कार्य ठंडे बस्ते में चला गया। पटवारियों को फील्ड में निशानदेही करने की जानकारी न देना, आधुनिक सिस्टम ज्यादा समझ न आना, सरकार की ओर से रेट लिस्ट तय न करना आदि कमियों के कारण मशीनें चालू नहीं हो पाई हैं। इसका खामियाजा लोगों को भुगतना पड़ रहा है। खासकर किसानों को जमीन की पैमाइश के लिए प्राइवेट ऑपरेटरों का सहारा लेना पड़ रहा है। ये अपनी मर्जी से भूमि की पैमाइश करते हैं और किसानों से मोटी रकम भी वसूल कर रहे हैं।
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इन तहसीलों में भेजी इतनी मशीन
तहसील सिरसा : 3
तहसील कालांवाली : 3
तहसील चोपटा : 3
तहसील रानियां : 2
तहसील डबवाली : 2
तहसील ऐलनाबाद : 2
उप-तहसील गोरीवाला : 1
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किसान बोले- जमीन पैमाइश के कार्य की निर्धारित नहीं सरकारी फीस
किसानों बिंदर सिंह, गुरनाम सिंह, गुरप्रीत सिंह, हरप्रीत सिंह, तरसेम सिंह, बाबू सिंह ने बताया कि जमीन पैमाइश के कार्य की सरकारी फीस निर्धारित नहीं है। इस कार्य को करवाने के लिए आवेदक को एक-दो हजार नहीं, बल्कि 15 से 20 हजार रुपये देने पड़ते हैं। साथ में प्राइवेट ऑपरेटरों द्वारा बड़े भू-मालिकों के साथ मिलीभगत कर भूमि की सीमाओं में हेरा-फेरी करने का भी भय रहता है। उन्होंने सरकार व प्रशासन से मांग की है कि तहसीलों में पड़ी आधुनिक भूमि पैमाइश मशीनों को चालू किया जाए और प्रशिक्षित ऑपरेटर नियुक्त किए जाएं। इससे भूमि के माप में अधिक सटीकता और विश्वसनीयता आएगी और विवादों की गुंजाइश कम होगी।
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पूरी ट्रेनिंग होने के बाद ही चालू हो पाएंगी मशीनें : डीआरओ
भूमि पैमाइश के लिए अक्टूबर 2023 में 16 नए रोवर आए थे। इसके लिए ट्रेनिंग लेने वाले पटवारियों को यह प्रशिक्षण नहीं दिया गया था कि फील्ड में निशानदेही कैसे करनी है। इसके चलते मशीनें बिल्कुल बंद पड़ी हैं। पटवारियों व कानूनगो की पूर्ण रूप से ट्रेनिंग के बाद ही यह मशीनें चालू हो पाएंगी। -संजय चौधरी, डीआरओ, सिरसा।
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Sirsa News: प्रशिक्षित ऑपरेटर न रेट लिस्ट तय, तहसीलों में धूल फांक रहीं भूमि पैमाइश की 16 मशीनें