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Share Market: कारोबारी सप्ताह के दूसरे दिन मंगलवार को शेयर मार्केट में बड़ी गिरावट देखी गई. एक तरफ सेंसेक्स एक हजार अंक से ज्यादा गिर गया, वहीं निफ्टी 23,100 से नीचे बंद हुआ. भारतीय इक्विटी इंडेक्स में लगातार पांचवें सत्र में आई गिरावट की वजह बैंकिंग, ऑटो, मेटल और IT शेयरों की भारी बिकवाली है. इसके अलावा, रुपये में गिरावट और अमेरिकी ट्रेड पॉलिसी को लेकर निवेशकों पर दबाव बना हुआ है.
लाल निशान पर बंद हुआ शेयर मार्केट
मंगलवार को बीएसई सेंसेक्स 1,018 अंक या 1.32 परसेंट की गिरावट के साथ 76,293 पर आ गया. वहीं, एनएसई निफ्टी 310 अंक या 1.32 परसेंट गिरकर 23,071 पर बंद हुआ. आज स्मॉलकैप और मिडकैप इंडेक्स में क्रमश: 3.45 परसेंट और 3 परसेंट की गिरावट के साथ सभी प्रमुख इंडेक्स लाल निशान पर बंद हुए. इसी दौरान BSE में लिस्टेड सभी कंपनियों का टोटल मार्केट कैपिटल 9.3 लाख करोड़ रुपये घटकर 408.52 लाख करोड़ रुपये रह गया.
इनके शेयरों में आई सबसे ज्यादा गिरावट
सबसे ज्यादा नुकसान एचडीएफसी बैंक, आईसीआईसीआई बैंक और कोटक महिंद्रा बैंक के शेयरों को हुआ. इनमें 2.1 परसेंट तक की गिरावट आई. इन शेयरों ने सेंसेक्स की कुल गिरावट में संयुक्त रूप से 235 अंक का योगदान दिया.
क्यों शेयर बाजार में आई गिरावट?
शेयर बाजार में आज आई गिरावट के पीछे कई बड़ी वजहें हैं, जिनमें से एक है स्टील और एल्युमीनियम के आयात पर अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप का 25 परसेंट की दर से टैरिफ लगाना क्योंकि इससे ट्रेड वॉर का खतरा और भी बढ़ गया. इसके अलावा, अमेरिकी फेडरल रिजर्व के प्रमुख जिरोम पावेल आज 11 फरवरी को सीनेट बैंकिंग कमेटी और कल 12 फरवरी को हाउस फाइनेंशियल सर्विसेज पैनल (फाइनेंस कमेटी) के सामने गवाही देंगे, जिसे लेकर निवेशक दबाव में हैं.
दरअसल, यूएस फेडरल रिजर्व ने देश में बढ़ती महंगाई को ध्यान में रखते हुए अपनी मॉनिटरी पॉलिसी में ब्याज दरों में कोई बदलाव नहीं करते हुए 4.25-4.5 परसेंट की दर पर बरकरार रखा, जबकि ट्रंप चाहते थे कि इंटरेस्ट रेट कम हो. इसे लेकर उनके और पावेल के बीच तनाव का माहौल है. इसी बीच, पावेल कांग्रेस में सांसदों के सामने आर्थिक दृष्टिकोण व हालिया मौद्रिक नीतियों पर अपनी रिपोर्ट प्रस्तुत करेंगे, जिसके बाद उनसे सवाल-जवाब का दौर शुरू होगा.
जियोजीत फाइनेंशियल सर्विसेज के रिसर्च हेड विनोद नायर ने इकोनॉमिक टाइम्स से बात करते हुए कहा, इस बीच निवेशकों को बाजार में संभावित उतार-चढ़ाव से राहत के लिए पीएम मोदी की अमेरिकी यात्रा से उम्मीद कर रहे हैं, वहीं आज अमेरिकी संसद में पावेल के रिपोर्ट पर भी सभी की नजरें रहेंगी.
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