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Mahakumbh: पूर्णिमा पर आस्था की डुबकी, नारनौल से प्रयागराज जाने के लिए मारामारी, दोनों बसें फुल, कईयों को नहीं मिली सीट haryanacircle.com

Mahakumbh: पूर्णिमा पर आस्था की डुबकी, नारनौल से प्रयागराज जाने के लिए मारामारी, दोनों बसें फुल, कईयों को नहीं मिली सीट  haryanacircle.com

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प्रयागराज के लिए बस।
– फोटो : संवाद

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प्रयागराज में चल रहे महाकुंभ जाने के लिए श्रद्धालुओं की संख्या लगातार बढ़ती जा रही है। बुधवार को पूर्णिमा होने के चलते नारनौल एक बजे प्रयागराज को जाने वाली बस फुल हो गई, जबकि 10 सवारियां ऐसी थी जिन्हें सीट नहीं मिली। इनमें से 8 लोग एक ही परिवार के सदस्य थे, जबकि दो अन्य भी पूर्णिमा के चलते बगैर सीट के प्रयागराज रवाना हुए। रोडवेज की दोनों बसों में मंगलवार को कुल 124 यात्री रवाना हुए हैं। 

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गौरतलब है कि यात्री भार अधिक होने की वजह से रोडवेज महाप्रबंधक ने 8 फरवरी से दो बस चलाने के निर्देश दिए थे। इस दौरान पहली बस दोपहर एक बजे और दूसरी बस आधे घंटे बाद डेढ़ बजे रवाना हो रही है। डिपो से 5 फरवरी को प्रयागराज के लिए बस सेवा शुरू की गई थी। इसके बाद से लोगों में महाकुंभ को लेकर खासा उत्साह देखने को मिल रहा है। मंगलवार को दोनों बसों में 67 व 57 लोग प्रयागराज के लिए रवाना हुए हैं।

बगैर सीट के 8 लोग गए प्रयागराज

प्रयागराज जाने वाले लोगों की एडवांस बुकिंग करने वाले कर्मचारी ने बताया कि सुबह 11 बजे नारनौल के दो व्यक्ति सीट बुक करवाने के लिए आए थे। इस दौरान 1 बजे जाने वाली बस में केवल चार ही सीट खाली थी, जबकि 1:30 बजे वाली बस फुल हो चुकी थी। इस पर कर्मचारी ने अगले दिन वाली बस की टिकट लेने की बात कही। इस पर व्यक्ति ने उनसे कहा कि चार सीट बुक कर दो बाकी के 8 लोग आपस में एडजेस्ट कर लेंगे। उन्होंने बताया कि पूर्णिमा के चलते वे सभी मंगलवार वाली बस में ही जाना चाहते हैं। 5 सवारी नारनौल से व शेष 7 सवारी अटेली से बस में बैठेंगी।

2 अन्य लोग भी बगैर सीट गए

बस जब चलने लगी तो एक महिला व एक बुजुर्ग भी बस में प्रयागराज जाने के लिए चढ़ गए। जब परिचालक ने उन्हे बताया कि सीट नहीं हैं तो उन्होंने कहा प्रयागराज तो जाना ही है, चाहे खड़े होकर ही क्यों न जाना पड़े। परिचालक से जब इस बारे में बात की तो उसने कहा कि इन दोनों की व्यवस्था बोनट पर कर दी जाएगी।

अब तक 583 यात्री कर चुके सफर

रोडवेज बस सेवा शुरू होने के बाद से अब तक 583 यात्री प्रयागराज के लिए रवाना हुए हैं। 5 फरवरी को 15, 6 को 30, 7 को 80, 8 को 110, 9 को भी 110, 10 को 114 व 11 फरवरी को 124 यात्री प्रयागराज के लिए रवाना हुए।

हिंदू धर्म में क्या है पूर्णिमा महत्व

आचार्य क्रांति निर्मल शास्त्री ने बताया कि हिंदू धर्म में पूर्णिमा को बहुत शुभ माना जाता है। पूर्णिमा तिथि हर महीने आती है, लेकिन माघ महीने की पूर्णिमा का खास महत्व होता है। इसे माघी पूर्णिमा भी कहते हैं। इस दिन गंगा स्नान, दान-पुण्य और भगवान विष्णु, माता लक्ष्मी, चंद्रदेव की आराधना करने का विधान है। धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, इस दिन पूजा-अर्चना और दान-पुण्य करने से जीवन में सुख-समृद्धि और खुशहाली आती है। वहीं, महाकुंभ के दौरान इस पूर्णिमा का महत्व और भी अधिक बढ़ जाता है। आचार्य क्रांति निर्मल शास्त्री ने बताया कि माघ पूर्णिमा की तिथि का प्रारंभ 11 फरवरी को शाम 6:55 मिनट पर हो रहा है और अगले दिन यानी 12 फरवरी को शाम 07:22 मिनट पर समाप्त होगी। इस शुभ अवसर पर भगवान विष्णु संग लक्ष्मी जी की आराधना करने से सुख और सौभाग्य में वृद्धि होती है। मान्यता है कि भगवान विष्णु ने माघ पूर्णिमा के दिन मत्स्य अवतार धारण किया था, इसलिए यह पूर्णिमा बेहद खास मानी गई है।

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Mahakumbh: पूर्णिमा पर आस्था की डुबकी, नारनौल से प्रयागराज जाने के लिए मारामारी, दोनों बसें फुल, कईयों को नहीं मिली सीट

VIDEO : नारनौल से प्रयागराज जाने के लिए मारामारी, दोनों बसें फुल  haryanacircle.com

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