{“_id”:”67a436de327c1bace50bbb71″,”slug”:”gaganpreet-of-digoh-deported-from-america-2025-02-06″,”type”:”story”,”status”:”publish”,”title_hn”:”दिगोह का गगनप्रीत पहुंचा घर: जमीन बेचकर स्टूडेंट वीजा पर यूके गया, वहां से अमेरिका के लिए लगाई डंकी, डिपोर्ट”,”category”:{“title”:”City & states”,”title_hn”:”शहर और राज्य”,”slug”:”city-and-states”}}
अमृतसर एयरपोर्ट पर यूएस आर्मी का प्लेन। – फोटो : संवाद/फाइल
विस्तार
अमेरिका से डिपोर्ट होकर हरियाणा के फतेहाबाद जिले के गांव दिगोह निवासी गगनप्रीत सिंह सकुशल अपने घर पहुंच गया है। गगनप्रीत के घर लौटने पर परिवार ने राहत की सांस ली है। गगनप्रीत के गांव पहुंचते ही सरपंच हरसिमरन प्रीत सिंह व अन्य ग्रामीण जानकारी लेने पहुंचे। गगनप्रीत सिंह ने ग्रामीणों से बातचीत में बताया कि वह इंग्लैंड में स्टडी वीजा पर गया था।
Trending Videos
वहां यूनिवर्सिटी की फीस भरने के लिए काम भी किया। मगर वह पैसा पर्याप्त नहीं रहा। इसलिए उसने डंकी के रास्ते अमेरिका जाने का मन बनाया। एजेंट ने उससे 20 लाख रुपए लिए। परिवार ने भी गांव से पैसे भेजे। वह 17 दिसंबर 2024 को डंकी के रास्ते अमेरिका जाने के लिए निकला था। 12 दिन बाद 29 दिसंबर को वह अमेरिका पहुंच गया था, लेकिन वहां उसे पकड़ लिया गया। अमेरिकन आर्मी ने उसे तब से अपने पास ही रखा हुआ था।
अब उन्हें अमेरिका से डिपोर्ट करके कारगो प्लेन में इंडिया भेज दिया गया। पंजाब के अमृतसर एयरपोर्ट पर इमिग्रेशन से संबंधित वेरिफिकेशन प्रक्रिया पूरी करने के बाद हरियाणा के 32 लोगों को अंबाला भेजा गया। जहां से आगे अपने-अपने जिले में भेज दिया गया।
इंग्लैंड में ड्राइवरी की, किचन में काम किया
गगनप्रीत ने पुलिस को बताया है कि वह अगस्त 2022 में स्पेन के रास्ते इंग्लैंड गया था। इंग्लैंड में साउथ एंपटन में रहता था। वहां पढ़ाई के साथ साथ खर्च निकालने के लिए ड्राइवरी करता था, किचन में भी काम करता था। यूनिवर्सिटी की फीस नहीं भरी जा सकी, इसलिए उसने अमेरिका जाने का निर्णय किया। मगर अमेरिका पहुंचते ही वहां की आर्मी की पकड़ में आ गया। आर्मी ने अपने कैंप में रखा।
पिता बोले, घर के हालात सुधारने भेजा था बेटा
गगनप्रीत के पिता सुखविंद्र सिंह का कहना है कि उन्होंने करीब ढाई साल पहले घर के माली हालात सुधारने के लिए विदेश भेजा था। परिवार के पास तीन एकड़ जमीन थी, उसमें से ढाई एकड़ बेचकर पैसा जुटाया था। 50 लाख रुपए से ज्यादा खर्च आया था। मगर अब बेटा सकुशल घर लौट आया है। हमारे लिए यही खुशी की बात है।
यहां नौकरी मिले तो क्यों भेजे बच्चों को बाहर
सुखविंद्र सिंह ने कहा कि अगर भारत या प्रदेश में ही नौकरियां मिल जाए तो बच्चों को बाहर नहीं भेजना पड़े। अब सरकार से यही मांग है कि वह बेटे को यहीं नौकरी की व्यवस्था कर दें ताकि उन्हें बेटे के भविष्य को लेकर कोई चिंता ना रहे।
पुलिस पहुंची वेरिफिकेशन के लिए
गगनप्रीत के गांव लौटने की सूचना पाकर भूना पुलिस भी उसके घर वेरिफिकेशन के लिए पहुंची। मगर गगनप्रीत पुलिस को घर पर नहीं मिला। इसके बाद पुलिसकर्मियों ने उसके पिता के बयान दर्ज किए और गगनप्रीत से फोन पर बातचीत कर उसे थाने आने के लिए कहा गया।