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अंबाला। चुनाव कार्यालय और शिक्षा विभाग के आपसी तालमेल में कमी के कारण बहुत से विद्यालय शिक्षकों की कमी से जूझ रहे हैं। इस कारण विद्यालयों में सही तरह से शिक्षण कार्य नहीं हो पा रहा। जहां एक तरफ पहले ही सरकारी विद्यालयों में शिक्षकों की कमी है और बहुत से विद्यालय एकल या दो शिक्षकों से चल रहे हैं।
चुनाव कार्यालय की ओर से उन शिक्षकों की बीएलओ के तौर पर ड्यूटी लगाकर विभिन्न प्रकार के सर्वे का कार्य कराया जा रहा है। राजकीय प्राथमिक शिक्षक संघ हरियाणा के महासचिव राजेश कुमार ने बताया कि इससे विद्यालय को शिक्षक विहीन हो गए हैं और बच्चों की शिक्षा पर बहुत बुरा प्रभाव पड़ रहा है। एक तरफ निदेशालय की ओर से बार-बार पत्र जारी कर यह आदेश जारी किए जाते हैं कि शिक्षकों को गैर शैक्षणिक कार्य में न लगाया जाए, बावजूद इसके चुनाव कार्यालय शिक्षकों को गैर शैक्षणिक कार्यों में ड्यूटी देने के लिए मजबूर कर रहे हैं। इससे सरकारी विद्यालयों की शिक्षा की गुणवत्ता पर बहुत ही बुरा प्रभाव पड़ रहा है। इससे कई विद्यालय बंद होने के कगार पर पहुंच गए हैं।
स्कूलों में अध्यापकों की स्थिति
राजकीय प्राथमिक स्कूल सपेड़ा में कुल तीन अध्यापक हैं और यहां दो बीएलओ की ड्यूटी पर हैं जबकि स्कूल में पढ़ने वाले छात्रों की संख्या 106 है। इसी प्रकार जीपीएस रामदास नगर में 84 छात्रों पर तीन अध्यापक हैं और इनमें से एक बीएलओ की ड्यूटी पर है। जीएमपीएस में 137 बच्चों पर पांच अध्यापक हैं, इनमें से चार बीएलओ ड्यूटी पर हैं। जीएमपीएस बोह में 127 बच्चों पर चार अध्यापक हैं और इनमें से तीन बीएलओ ड्यूटी पर हैं। जीएमपीएस रामपुर सरसेहड़ी में तीन अध्यापकों में से दो बीएलओ की ड्यूटी पर हैं।
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