अंबाला। रेलवे के विद्युतीकृत को 100 वर्ष पूरे हो गए हैं और देश से जुड़ा रेलवे लाइन का 98 प्रतिशत हिस्से का विद्युतीकरण हो चुका है। इसी कड़ी में अंबाला मंडल ने भी 38 वर्ष के अंदर अपने अधीन सभी रेल मार्गाें का विद्युतीकरण पूरा कर लिया है।
अंबाला मंडल में नैरो गेज यानी छोटी रेलवे लाइन कालका-शिमला को छोड़कर अन्य ब्रॉड गेज बड़ी रेलवे लाइनों को विद्युतीकृत कर दिया गया है जोकि अंबाला मंडल के लिए एक बहुत बड़ी उपलब्धि है। इसमें 1047.46 रेल मार्ग पर 2081.65 किलोमीटर की रेल लाइन बिछाई गई है। इसमें रेलवे यार्ड और लूप रेल लाइन भी शामिल है। रेलवे लाइनों को विद्युतीकृत खंडों की मदद से बिजली की सप्लाई दी जा रही है।
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547 करोड़ हुए खर्च
ट्रेनों की 130 किमी प्रतिघंटे की रफ्तार से दौड़ने में सब स्टेशन सहायक बन रहे हैं। अंबाला मंडल के अधीन 13 सब-स्टेशनों का निर्माण किया गया है। वहीं, विद्युतीकृत खंडों पर नजर रखने और उन्हें दिशा और निर्देश देने के लिए अंबाला मंडल कार्यालय में ही आधुनिक कंट्रोल सेंटर बनाया गया है जोकि 24 घंटे लगातार कार्य करता है। अंबाला मंडल ने रेलवे ट्रैक के विद्युतीकरण पर लगभग 547 करोड़ रुपये खर्च किए हैं।
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1987 में बना था मंडल
अंबाला मंडल का गठन एक जुलाई 1987 में हुआ था। मौजूदा समय में मंडल के अधीन 141 रेलवे स्टेशन हैं। इसमें नौ प्रमुख रेलवे स्टेशन भी हैं। अंबाला कैंट और चंडीगढ़ रेलवे स्टेशन को ए-1 श्रेणी का सम्मान मिला हुआ है। वहीं, बठिंडा, जगाधरी, कालका, पटियाला, राजपुरा, सहारनपुर, सरहिंद व जाखल रेलवे स्टेशन बी श्रेणी के हैं। मंडल में लगभग 14 हजार कर्मचारी कार्य कर रहे हैं।
मंडल के प्रमुख सेक्शन
अंबाला रेल मंडल में विश्व धरोहर रेल सेक्शन कालका-शिमला सहित अंबाला-सहारनपुर, अंबाला-मोहड़ी, सहारनपुर-साहनेवाल, मोहड़ी-कालका, रोपड़-नंगलडैम, नंगलडैम-अंब अंदौरा प्रमुख हैं। इसके अलावा भी राजस्थान, दिल्ली आदि से जुड़े कई छोटे रेल सेक्शन हैं।
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रेलवे में विद्युतीकरण का कार्य 1925 में शुरु हुआ था जोकि वर्ष 2025 में भी जारी है। रेलवे 100 वर्ष विद्युतीकरण के उपलक्ष्य में कार्यक्रमों का आयोजन कर रहा है। अंबाला मंडल का गठन 1987 में हुआ था और अब मंडल के अधीन कालका-शिमला सेक्शन को छोड़कर अन्य सभी सेक्शन विद्युतीकरण सुविधा से लैस हैं।
नवीन कुमार, वरिष्ठ वाणिज्य प्रबंधक, अंबाला मंडल।