in

मॉनेटरी पॉलिसी कमेटी की मीटिंग आज से: RBI गवर्नर 7 फरवरी को बताएंगे ब्याज दरों में बदलाव होगा या नहीं, इस बार कटौती की उम्मीद Business News & Hub

मॉनेटरी पॉलिसी कमेटी की मीटिंग आज से:  RBI गवर्नर 7 फरवरी को बताएंगे ब्याज दरों में बदलाव होगा या नहीं, इस बार कटौती की उम्मीद Business News & Hub

[ad_1]

नई दिल्ली26 मिनट पहले

#
  • कॉपी लिंक

रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया यानी RBI की मॉनेटरी पॉलिसी कमेटी (MPC) की मीटिंग आज यानी 5 फरवरी से शुरू हो रही है। यह तीन दिवसीय मीटिंग 7 फरवरी तक चलेगी। RBI गवर्नर संजय मल्होत्रा की अध्यक्षता वाली इस मीटिंग में ब्याज दर पर फैसला लिया जाएगा। यह इनकी अध्यक्षता में पहली मीटिंग होगी। RBI ने फरवरी 2023 से रेपो रेट को 6.5% पर अपरिवर्तित रखा है।

बैंक ऑफ अमेरिका सिक्युरिटीज यानी बोफाएस इंडिया के अर्थशास्त्री (भारत और एशिया) राहुल बाजोरिया और एलारा सिक्युरिटीज की इकोनॉमिस्ट गरिमा कपूर को उम्मीद है कि RBI इस मीटिंग में रेपो रेट 0.25% घटकर 6.25% कर देगा।

आखिरी बार फरवरी 2023 में हुआ था बदलाव मॉनेटरी पॉलिसी कमेटी की पिछली मीटिंग दिसंबर में हुई थी, जिसमें कमेटी ने लगातार 11वीं बार दरों में बदलाव नहीं किया था। RBI ने आखिरी बार फरवरी 2023 में दरें 0.25% बढ़ाकर 6.5% की थीं।

विशेषज्ञों को उम्मीद, इस साल कई चरणों में 1% तक कटौती हो सकती है यदि रिजर्व बैंक ब्याज दरें कुछ कम करता है तो आम लोगों पर EMI का बोझ कम होगा। इससे अतिरिक्त बचत होगी। एक्सपर्ट्स के अनुसार RBI रेपो रेट में इस साल चरणबद्ध तरीके से रेपो रेट में 1% तक कटौती करके कर सकता है।

इससे 2025 के आखिर तक रेपो रेट को 5.50% के स्तर पर लाया जा सकता है। साथ ही कैश रिजर्व रेश्यो (CRR) 0.50% घटाकर या खुले बाजार से बॉन्ड खरीदकर भी RBI बैंकिंग सिस्टम में कैश बढ़ा सकता है।

महंगाई से लड़ने का शक्तिशाली टूल है पॉलिसी रेट ​​​​​​ किसी भी सेंट्रल बैंक के पास पॉलिसी रेट के रूप में महंगाई से लड़ने का एक शक्तिशाली टूल है। जब महंगाई बहुत ज्यादा होती है, तो सेंट्रल बैंक पॉलिसी रेट बढ़ाकर इकोनॉमी में मनी फ्लो को कम करने की कोशिश करता है।

पॉलिसी रेट ज्यादा होगी तो बैंकों को सेंट्रल बैंक से मिलने वाला कर्ज महंगा होगा। बदले में बैंक अपने ग्राहकों के लिए लोन महंगा कर देते हैं। इससे इकोनॉमी में मनी फ्लो कम होता है। मनी फ्लो कम होता है तो डिमांड में कमी आती है और महंगाई घट जाती है।

इसी तरह जब इकोनॉमी बुरे दौर से गुजरती है तो रिकवरी के लिए मनी फ्लो बढ़ाने की जरूरत पड़ती है। ऐसे में सेंट्रल बैंक पॉलिसी रेट कम कर देता है। इससे बैंकों को सेंट्रल बैंक से मिलने वाला कर्ज सस्ता हो जाता है और ग्राहकों को भी सस्ती दर पर लोन मिलता है।

#

खबरें और भी हैं…

[ad_2]
मॉनेटरी पॉलिसी कमेटी की मीटिंग आज से: RBI गवर्नर 7 फरवरी को बताएंगे ब्याज दरों में बदलाव होगा या नहीं, इस बार कटौती की उम्मीद

Hisar News: दर्द से तड़पते रहे मरीज… छटपटाते रहे तीमारदार, निजी अस्पतालों में आयुष्मान कार्डधारक भटकते रहे  Latest Haryana News

Hisar News: दर्द से तड़पते रहे मरीज… छटपटाते रहे तीमारदार, निजी अस्पतालों में आयुष्मान कार्डधारक भटकते रहे Latest Haryana News

ट्रम्प बोले- ईरान मेरी हत्या करे, तो नेस्तनाबूद कर देना:  प्रतिबंध लगाने से जुड़े आदेश पर साइन किए, ईरान का तेल निर्यात निशाने पर Today World News

ट्रम्प बोले- ईरान मेरी हत्या करे, तो नेस्तनाबूद कर देना: प्रतिबंध लगाने से जुड़े आदेश पर साइन किए, ईरान का तेल निर्यात निशाने पर Today World News