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जगदीश सिंह झींडा – फोटो : वीडियो ग्रैब
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हरियाणा सिख गुरुद्वारा प्रबंधन कमेटी के चुनाव में विजयी रहे आजाद प्रत्याशियों को इनेलो नेता अभय चौटाला व अकाली नेता सुखबीर सिंह बादल के हाथों नहीं खेलना चाहिए। 22 साल के कड़े संघर्ष के बाद पहली बार बनने जा रही कमेटी की कमान फिर बादल के हाथ गई तो संगत विजयी हुए प्रत्याशियों को माफ नहीं करेगी। इनका यह फसला संगत को किसी भी स्तर पर हजम नहीं होगा। ऐसे में आजाद विजेता रहे प्रत्याशियों को गंभीरता से विचार करना अपने लोगों को ही कमेटी की कमान सौंपने का फैसला लेना चाहिए। यह कहना है अकाली पंथक दल झींडा ग्रुप के मुखिया जगदीश सिंह झींडा का।
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झींडा सोमवार को डेरा कार सेवा में पत्रकारों से चर्चा कर रहे थे। उन्होंने कहा कि जब प्रदेश के गुरुघरों की संभाल सही तरीके से नहीं की गई और गोल्लक लूटे जाते रहे तो हरियाणा की संगत ने अपनी कमेटी बनाने का फैसला किया था। इसके लिए 22 साल तक कड़ा संघर्ष करना पड़ा तो जेल तक काटनी पड़ी। सब कुछ सहन करते हुए अब अपनी कमेटी बनाने का मौका आया है तो संगत ने आजाद प्रत्याशियों को बहुमत से जीताया है। ऐसे में संगत की भावना की कद्र करनी चाहिए और सभी को मिलकर अपने लोगों की बेहतर कमेटी बनानी चाहिए, ताकि गुरुघरों की संभाल सही तरीके से हो सके।
उन्होंने कहा कि बादल लंबे समय से एसजीपीसी के जरिए गुरुघरों पर कब्जा चलाते रहे और जब हरियाणा की सरकार ने 2014 में अलग कमेटी के लिए बिल पास किया तो इसे सुप्रीम कोर्ट में चेतावनी दी, जहां एसजीपीसी के करोड़ों रुपये खर्च किए गए लेकिन सुप्रीम कोर्ट ने हरियाणा के सिखों के हक में फैसला दिया। इसके बाद भी चुनी हुई कमेटी में इतना लंबा समय लग चुका है।
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