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अंबाला: मां अंबा की धरती कहे जाने वाले अंबाला शहर में भगवती खुद पिंडी रूप में विराजमान हैं. कहा जाता है कि लगभग 300 साल पुराना मां का पिंडी रूप अंबाला में स्थापित है, जहां भक्तों ने मंदिर बनवाया है. मंदिर के प्रति भक्तों की गहरी आस्था है. यहां की ऐसी मान्यता है कि जो भी भक्त 40 दिन तक मंदिर आकर मां के आगे जोत जला कर सच्चे मन से कामना करता है वह जरूर पूरी होती है.
शहर में मंदिर को बने लगभग 300 साल हो गया है. यहां दूर-दूर से भक्त मां अंबा का आशीर्वाद लेने आते हैं. पुजारी ने बताया कि ये मंदिर लगभग 300 साल पुराना है और पहले अंबाला का नाम अम्बावला होता था, बाद में इसे अंबाला किया गया. मंदिर में लगातार 40 दिन आने से मनोकामनाएं पूर्ण होती हैं. यह मंदिर न केवल सबसे पुराना है, बल्कि इस स्थान का विशेष महत्व भी है.
मां पिंडी रूप में हुई प्रकट!
पुजारी ने बताया कि ऐसा कहा जाता है कि इस स्थान पर मां अंबिका देवी पिंडी रूप में प्रकट हुई थी. वहीं अंबाला का नाम भी मां अंबिका के नाम पर है. इस मंदिर की दीवारों और छत पर सुंदर पेंटिंग बनी है जो समय बीतने के कारण फीकी हो गई है, लेकिन अपने अंदर पुरानी कलाकृतियां दर्शाती हैं. क्षेत्र के लोगों के मुताबिक लगभग 300 वर्ष पूर्व इस मंदिर में मां अंबिका पिंडी स्वरूप में अवतरित हुई थीं, जिसके बाद भक्तों ने इसी स्थान पर मां अंबिका देवी का एक छोटा सा मंदिर बनाया. समय बीतने के मंदिर का जीर्णोद्धार होता गया, जिससे मंदिर का आकार बड़ा होता गया.
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