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सिरसा। जिले की विभिन्न अदालतों की ओर से वांछित घोषित 1684 अपराधी पुलिस की पहुंच से दूर हैं। उक्त अपराधियों को गिरफ्तार करने में पुलिस के प्रयास नाकाफी साबित हो रहे हैं। सिरसा पुलिस इनकी धरपकड़ के लिए दिन-रात एक करने का दावा कर रही है, लेकिन उसे वांछित सफलता नहीं मिल पा रही।
अदालतों से मिले आंकड़ों के अनुसार 31 दिसंबर 2024 तक जिलेभर की अदालतों ने 1684 आरोपियों को घोषित अपराधी करार दिया है। इनमें से 46 पर हेरोइन, अफीम व डोडा पोस्त की तस्करी का आरोप है। केवल सत्र न्यायालय की ओर से 168 आरोपियों को घोषित अपराधी करार दिया गया है।
बता दें कि पुलिस की ओर से थानों में दर्ज विभिन्न आपराधिक मामलों का अदालत में चालान पेश किया जाता है। इसके बाद आरोपी अदालत में पेशी पर नहीं आता तो उनके खिलाफ पहले गिरफ्तारी वारंट जारी किया जाता है। गिरफ्तारी न होने की सूरत में अदालत द्वारा उक्त आरोपी को घोषित अपराधी करार दे दिया जाता है। इसके बाद घोषित अपराधियों की तलाश करने का जिम्मा संबंधित पुलिस थाना का होता है। घोषित अपराधियों को गिरफ्तार करने के लिए जिला पुलिस ने पीओ स्टाफ बनाया हुआ है। इस स्टाफ का काम केवल घोषित अपराधियों का पता लगाकर उन्हें गिरफ्त में लेना है, लेकिन इस स्टाफ में कर्मचारियों का काफी टोटा है। संवाद
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पुलिस के पास होती है अपराधी की तमाम जानकारी
घोषित अपराधियों में सबसे ज्यादा संख्या चेक बाउंस के मामले में है। विशेष अदालत ने चेक बाउंस के केसों में 737 आरोपियों को घोषित अपराधी करार दिया हुआ है। सिरसा के अलावा डबवाली पुलिस को भी करीब 299 घोषित अपराधियों की तलाश है। जिन आरोपियों को अदालत ने घोषित अपराधी करार दिया हुआ है उनका नाम व पूरा पता पुलिस के पास है। फिर भी पुलिस घोषित अपराधी तक नहीं पहुंच पा रही। सूत्रों के अनुसार बहुत सी जगहों पर तो पुलिस जाती ही नहीं और जहां जाती है, वहां स्थानीय पुलिस का स्पोर्ट नहीं मिलता। इसी कारण पुलिस खाली हाथ लौट आती है। इसलिए वर्षों तक घोषित अपराधी पुलिस की गिरफ्त से बाहर रहते हैं।

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दूसरे राज्यों में कभी-कभार ही जाती है पुलिस
सूत्रों के अनुसार दूसरे राज्यों के रहने वाले घोषित अपराधी को पकड़ना थोड़ा मुश्किल होता है, लेकिन पुलिस अपनी ही जिले में रहने वाले घोषित अपराधी को भी जल्द गिरफ्त में नहीं ले पाती। घोषित अपराधियों में सैकड़ों पंजाब, राजस्थान, उत्तर प्रदेश, बिहार, मध्य प्रदेश, छत्तीसगढ़, झारखंड व दिल्ली के रहने वाले हैं। खास बात यह है कि यूपी, एमपी, बिहार, छत्तीसगढ़ और झारखंड के रहने वाले घोषित अपराधियों को गिरफ्तार करने पुलिस कभी कभार ही वहां जाती है। इसका मुख्य कारण पुलिस कर्मचारियों की कमी है।
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कोट्स
पुलिस घोषित अपराधियों को गिरफ्तार करने के लिए लगातार प्रयास कर रही है। पुलिस की ओर से पीओ स्टाफ भी स्थापित किया गया है। इसके अलावा सीआईए व संबंधित थाना पुलिस भी घोषित अपराधियों की धरपकड़ करती रहती है। इसमें पुलिस को सफलता भी मिल रही है। घोषित अपराधियों को पकड़ने के लिए अभियान भी चलाया जाएगा। -विक्रांत भूषण, पुलिस अधीक्षक सिरसा।
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Sirsa News: पुलिस की पहुंच से दूर हैं न्यायालय की ओर से वांछित घोषित 1684 अपराधी