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सीएम सुक्खू
शिमला: हिमाचल प्रदेश के मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू ने शुक्रवार को कहा कि सरकार ने राज्य संवर्ग में नए आईएएस और आईपीएस अधिकारियों को शामिल न करने का निर्णय किया है, क्योंकि राज्य को लगभग 70 लाख की आबादी के लिए 153 आईएएस अधिकारियों की आवश्यकता नहीं है।
भारतीय वन सेवा के अधिकारियों की संख्या भी घटेगी
मुख्यमंत्री ने यहां जारी एक बयान में कहा कि इसके अलावा सरकार का लक्ष्य भारतीय वन सेवा (आईएफएस) के अधिकारियों की संख्या घटाने का भी है। सुक्खू ने सोलन में एक कार्यक्रम के दौरान मीडिया से बातचीत में कहा कि राज्य में एक भी अंतरराष्ट्रीय स्तर का हवाई अड्डा नहीं है, और ऐसे हवाई अड्डे के निर्माण की पूरी लागत केंद्र सरकार द्वारा वहन की जानी चाहिए।
चंडीगढ़-बद्दी रेलवे लाइन पर कही ये बात
उन्होंने कहा कि इसके अतिरिक्त केंद्र को भानुपल्ली-बेरी और चंडीगढ़-बद्दी रेलवे लाइनों के निर्माण के लिए भी पूर्ण धनराशि देनी चाहिए। एक प्रश्न के उत्तर में मुख्यमंत्री ने सोलन-परवाणू फोर-लेन राजमार्ग की खराब स्थिति का जिक्र करते हुए इसके लिए दोषपूर्ण डिजाइन को जिम्मेदार ठहराया। उन्होंने कहा कि वह इस संबंध में केंद्रीय सड़क परिवहन एवं राष्ट्रीय राजमार्ग मंत्री नितिन गडकरी से पहले ही बात कर चुके हैं और उनसे राजमार्ग की स्थिति सुधारने के लिए फिर से डिजाइन बनाने और अन्य जरूरी फेरबदल करने का अनुरोध किया था।
शिक्षा प्रणाली में सुधार लाने का संकल्प
इससे पहले शुक्रवार को मुख्यमंत्री सुखविन्दर सिंह सुक्खू ने बालिका दिवस के अवसर पर कांगड़ा के धर्मशाला स्थित राजकीय कन्या वरिष्ठ माध्यमिक पाठशाला का दौरा किया तथा स्कूल में नामांकित सभी 351 लड़कियों को एक-एक हजार रुपये देने की घोषणा की। छात्राओं को बधाई देते हुए उन्होंने राज्य में शिक्षा प्रणाली में सुधार लाने का अपना संकल्प व्यक्त किया। उन्होंने सरकारी स्कूल में पढ़ाई के अपने व्यक्तिगत अनुभव को साझा किया और इन स्कूलों के विद्यार्थियों में आत्मविश्वास की कमी को स्वीकार किया।
सीए सुक्खू ने आश्वासन दिया कि राज्य सरकार इन बच्चों में आत्मविश्वास पैदा करने के लिए निर्णायक कदम उठा रही है और कहा कि इससे उन्हें जिम्मेदार और सक्षम नागरिक बनने में मदद मिलेगी। उन्होंने इस बात पर भी जोर दिया कि कोई भी छात्र शिक्षा से वंचित नहीं रहेगा और सरकार शिक्षा की गुणवत्ता बढ़ाने पर ध्यान केंद्रित कर रही है। उन्होंने धर्मशाला में राजकीय वरिष्ठ माध्यमिक पाठशाला (बालक) का भी दौरा किया और विद्यार्थियों को प्रदान की जा रही सुविधाओं की समीक्षा की। (भाषा)
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