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गर्भधारण के 1-2 सप्ताह बाद इम्प्लांटेशन ब्लीडिंग हो सकती है. यह हल्का रक्तस्राव या थोड़ी मात्रा में गुलाबी रंग का स्राव हो सकता है.


भ्रूण के गर्भाशय की दीवार से जुड़ने पर हल्का ऐंठन हो सकता है. गर्भावस्था के हार्मोन सूजन का कारण बन सकते हैं.हार्मोनल उतार-चढ़ाव से सिरदर्द हो सकता है.

कंसीव करने के बाद महिलाएं जब सुबह उठती हैं तो उन्हें उल्टी या मतली जैसा महसूस हो सकता है. यह दिन में कभी भी हो सकता है. ऐसा हार्मोनल बदलाव की वजह से हो सकता है. ऐसे लक्षण होने पर प्रेगनेंसी टेस्ट करवाना चाहिए. उल्टी और मतली दिन या रात के किसी भी समय हो सकती है.गर्भावस्था के हार्मोन मूड स्विंग का कारण बन सकते हैं.

कंसीव करने के बाद महिलाओं में हार्मोनल बदलाव होते हैं. इसकी वजह से थकान और कमजोरी हो सकती है. अगर पीरियड्स मिस होने के साथ बहुत ज्यादा थकावट हो तो ये प्रेगनेंसी का संकेत हो सकता है.

पीरियड मिस होने के बाद बार-बार यूरिन आ सकता है. यह कंसीव करने का एक लक्षण हो सकता है. प्रेगनेंसी में गर्भाशय का आकार बढ़ने की वजह से ब्लैडर पर अतिरिक्त दबाव पड़ सकता है. जिससे बार बार यूरिन लगती है.
Published at : 29 Jan 2025 05:37 PM (IST)
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