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पंजाब एवं हरियाणा हाईकोर्ट – फोटो : अमर उजाला
विस्तार
पंजाब-हरियाणा हाईकोर्ट ने कूड़े के पहाड़ का समाधान न निकलने पर मंगलवार को कड़ा रुख अपनाते हुए यह स्पष्ट कर दिया है कि यदि इस वर्ष मई तक डड्डूमाजरा से कूड़ा नहीं हटाया गया तो अधिकारियों के खिलाफ अवमानना कार्यवाही शुरू की जाएगी।
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चंडीगढ़ प्रशासन ने दावा किया कि दो कूड़ा डंप साफ कर दिए गए थे और अदालत को आश्वासन दिया कि तीसरा डंप, जो सामने आया है, मई 2025 तक हटा दिया जाएगा। याचिकाकर्ता अमित शर्मा ने व्यक्तिगत रूप से पेश होकर इन दावों का पुरजोर विरोध किया और तर्क दिया कि पिछले एक दशक में बिना सार्थक कार्रवाई के इसी तरह के आश्वासन और समय सीमाएं बार-बार दी गईं।
शर्मा ने बताया कि एमसी ने पिछले डंपों को साफ करने का दावा किया है, लेकिन आज भी उनसे रिसाव जारी है, जिसे वे कथित तौर पर मिट्टी से ढक कर छिपाने की कोशिश कर रहे हैं। उन्होंने हाल ही में सात जनवरी को रिकार्ड किए गए ड्रोन फुटेज प्रस्तुत किए, जिसमें चल रहे रिसाव को दिखाया गया है। शर्मा ने यह भी बताया कि एमसी के दावों के बावजूद, साइट पर 486 आग दर्ज की गई, जिनमें से कुछ को बुझाने के लिए 45 लाख लीटर पानी का इस्तेमाल किया गया, कुछ मामलों में आग हफ्तों तक जलती रही। उन्होंने इस बात पर जोर दिया कि हाई कोर्ट द्वारा 2021 की जनहित याचिका को स्वीकार करने और एम सी कमिश्नर को तलब करने के बाद ही आग पर काबू पाया जा सका।
शर्मा ने आगे आरोप लगाया कि एमसी वर्षों से सॉलिड वेस्ट मैनेजमेंट रूल्स के अनुपालन का झूठा दावा करके कोर्ट को गुमराह कर रहा था। उन्होंने बताया कि नियमों में एक बाउंड्री वॉल और एक लीचेट ट्रीटमेंट प्लांट के निर्माण को अनिवार्य किया गया था, जिसके बारे में एमसी ने दावा किया था कि दोनों ही जगह पर हैं। याचिकाकर्ता ने एमसी पर यह भी आरोप लगाया कि जब तक कोर्ट को पता नहीं चला, तब तक उसने ढहने की जानकारी को रोके रखा, जिसके कारण झूठी जानकारी देने का नोटिस जारी किया गया।
तर्कों को सुनने के बाद कोट ने याचिकाकर्ता को अगली सुनवाई की तारीख तक झूठी गवाही पर अपने तर्कों का सारांश प्रस्तुत करने का निर्देश दिया है। पिछली सुनाई पर हाई कोर्ट इस मामले में हाई कोर्ट के रजिस्ट्रार जनरल को साइट पर दौरा करना हर एंगल से फोटो खींचकर कोर्ट में देने का आदेश दिया था बेंच के निर्देश पर रजिस्ट्रार की तरफ से इस मामले में एक स्टेटस रिपोर्ट फाइल की गई। इस मामले में अगली सुनवाई 27 फरवरी को होगी।
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हाईकोर्ट की सख्ती: डड्डूमाजरा में कूड़े का पहाड़ मई तक न हटाया तो अवमानना कार्रवाई के लिए तैयार रहें अधिकारी