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Guillain Barre Syndrome : एचएमपीवी का संकट अभी टला नहीं कि महाराष्ट्र के पुणे के लिए गुइलेन-बैरे सिंड्रोम (GBS) आफत बन गया है. अब तक इस बीमारी की चपेट में 26 लोग आ चुके हैं. शहर के तीन अलग-अलग अस्पताल में इसके केस मिले हैं. मरीजों में गंभीर दस्त, बुखार, शरीर में ज्यादा दर्द जैसी समस्याएं नजर आ रही है. इसकी वजह से पैरों में ताकत तक की कमी आ रही है.
इसके मामले सामने आने के बाद प्रशासन और स्वास्थ्य महकमा अलर्ट हो गया है. लोगों से अपील की जा रही है कि बिना घबराएं अपना इलाज करवाएं, सतर्क रहें और इस बीमारी को हल्के में न लें. ऐसे में आइए जानते हैं आखिर गुइलेन-बैरे सिंड्रोम होता क्या है, इसके क्या-क्या खतरे हैं…
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गुइलेन-बैरे सिंड्रोम (GBS) क्या है?
यह एक दुर्लभ बीमारी है. इसमें शरीर का इम्यून सिस्टम नसों पर ही हमला करने लगता है. इसका सीधा असर मांसपेशियों पर पड़ता है और कमजोरी महसूस होने लगती है. कुछ मामलों में हाथ-पैर भी सुन्न हो जाते हैं और गंभीर स्थिति में लकवा भी लग सकता है. इस सिंड्रोम की खोज 1916 में ही हो चुकी थी. फ्रांसीसी न्यूरोलॉजिस्ट जॉर्जेस गुइलेन और जीन एलेक्जेंडर बर्रे ने पहली बार इसका पता लगाया था. यह एक तरह से ऑटो इम्यून डिजीज है.
गुइलेन-बैरे सिंड्रोम होने का कारण
गुइलेन-बैरे सिंड्रोम का क्या लक्षण है
अचानक से कमजोरी महसूस होना
हाथ-पैर सुन्न होना
पैरों में ताकत न रहन ाया चलने-फिरने में दिक्कत
लकवा भी हो सकता है
GBS है या नहीं कैसे पता चलेगा
गुइलेन-बैरी सिंड्रोम है या नहीं इसके लिए किसी टेस्ट की जरूरत नहीं है. सिर्फ इसके लक्षण (Guillain Barre Syndrome symptoms) या आपकी सेहत पहले कैसी रही है, इस हिसाब से अनुमान लगाया जा सकता है. हालांकि, CSF फ्लूइड टेस्ट या MRI से इसकी जांच की जा सकती है.
Disclaimer: खबर में दी गई कुछ जानकारी मीडिया रिपोर्ट्स पर आधारित है. आप किसी भी सुझाव को अमल में लाने से पहले संबंधित विशेषज्ञ से सलाह जरूर लें.
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क्या है Guillain Barre Syndrome, जो पुणे के लोगों को बना रहा अपना शिकार