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नागरिक अस्पताल में चिकित्सक कक्ष के बाहर लगी मरीजों की भीड़।
भिवानी। जिला नागरिक अस्पताल की बाल रोग ओपीडी में आने वाले मरीजों की संख्या में इजाफा हो रहा है। ओपीडी में आने वाले ज्यादातर मरीज निमोनिया से ग्रस्त हैं। अस्पताल में आ रहे बच्चों में खांसी व जुकाम के साथ छाती जाम हो रही है। इसके साथ ही सांस फूलने की समस्या भी आ रही है। मरीजों में बुखार के साथ गले में संक्रमण व शरीर दर्द के लक्षण देखे जा रहे हैं।
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अस्पताल की बाल रोग ओपीडी में प्रतिदिन औसतन 200 मरीज आ रहे हैं। इसमें से ज्यादातर मरीज निमोनिया से ग्रस्त हैं। वहीं चिकित्सक भी मरीजों व छोटे बच्चों के अभिभावकों को सावधानी बरतने की सलाह दे रहे हैं।
जिला नागरिक अस्पताल में कार्यरत बाल रोग विशेषज्ञ डॉ. रीटा ने बताया की ओपीडी में आने वाले मरीजों में लगभग बच्चे निमोनिया से ग्रस्त हैं। इसके पीछे का कारण ठंड का बढ़ना व कुछ बच्चों की रोग प्रतिरोधक क्षमता कम होना है। इसकी वजह से बच्चा जल्दी बीमार हो जाता है। वहीं अभिभावकों को भी ठंड में सावधानी बरतने की जरूरत है। पांच साल से कम उम्र के बच्चों के लिए तो विशेष तौर पर सावधानी बरतने की जरूरत है।
खांसी लंबे समय तक रहने पर बच्चों के फेफड़ों में संक्रमण बढ़ रहा है। कुछ अभिभावक घरेलू नुस्खों में विश्वास करते हैं और बच्चों को घर पर ठीक करने का प्रयास करते हैं। लेकिन ऐसी गलती नहीं करनी चाहिए। अगर बच्चे को किसी भी प्रकार की समस्या आ रही है तो तुरंत अपने नजदीकी चिकित्सक से परामर्श करना चाहिए।
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निमोनिया के लक्षण :
-गले में संक्रमण।
-छाती जाम होना।
-खांसी, जुकाम व बुखार होना।
-सीने में दर्द के साथ खांसी होना।
– शरीर में कंपन।
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निमोनिया से बचाव कैसे करें
-बच्चों को गर्म कपड़े पहना कर रखें।
– पौष्टिक आहार दें।
-कफ नहीं बनने दें।
-समय पर टीकाकरण करवाएं।
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Bhiwani News: निमोनिया की चपेट में आने से बढ़ी बच्चों की परेशानी