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– पंचमी पर आज होगा अष्टकुल नागों का पूजन, घरों में की तैयारी
संवाद न्यूज एजेंसी
करनाल। नाग पंचमी का पर्व हस्त नक्षत, सिद्ध योग में नौ अगस्त को मनाया जाएगा। जिसमें अष्ट कुल नागों की पूजा की जाएगी। जिसकी तैयारियां घरों में कर ली गई है। मान्यता है कि इससे सर्प देवता पूजन करने वालों के परिवार की रक्षा करते हैं।
श्री कर्णेश्वरम् महादेव मंदिर के मुख्य पुजारी षष्ठी वल्लभ ने बताया कि हर वर्ष सावन माह की शुक्ल पक्ष की पंचमी तिथि को नाग पंचमी का त्योहार मनाया जाता है। इस दिन नाग देवता की पूजा करने से कई तरह के लाभ मिलते हैं और भोले बाबा भी खुश होते हैं। शुक्रवार के दिन नाग देवता की पूजा का शुभ समय सुबह पांच बजकर 46 मिनट से आठ बजकर 26 मिनट तक रहेगा।
यानी नाग देवता और भगवान शिव की पूजा के लिए दो घंटे 40 मिनट का समय होगा। इस दौरान पूजा करने से नाग देवता का आशीर्वाद भी मिलेगा। शास्त्री के अनुसार नाग पंचमी के दिन चांदी के नाग-नागिन को घर में लाकर उसकी विधि-विधान से पूजा करके इस जोड़े को शिव मंदिर में रख कर आते हैं तो कई परेशानियों का समापन होता है। ऐसा करने से कालसर्प दोष से आजादी मिलेगी और राहु-केतु के बुरे प्रभाव भी कम होंगे। – संवाद
ऐसे करें पूजन
पंडित षष्ठी वल्लभ के अनुसार सुबह स्नान करने के बाद स्वच्छ वस्त्र पहनकर पूजा स्थल पर गाय के गोबर से नाग बना कर नाग देवता का आह्वान करते हुए व्रत का संकल्प लें। गोबर से बनाए नाग पर फल, फूल, चावल, मीठा लेकर अर्पित कर जल का अर्घ्य देना चाहिए। वहीं पंचामृत, मेवा, गुलाल, अबीर, मेहंदी आदि भी अर्पित कर सकते हैं। इसके बाद पूजा करें और नाग देवता के मंत्रों का जप और आरती करें।
मुख्यद्वार पर बनाएं नाग-नागिन का चित्र
नाग पंचमी के दिन अपने घर के मुख्य गेट पर नाग-नागिन का जोड़ा बना लें जिससे आपको आर्थिक संपन्नता मिलती है। साथ ही ऐसा करने से आपके घर में मौजूद नकारात्मकता भी दूर होती है। नाग पंचमी के दिन नाग देवता को दूध पिलाने से मानसिक और शारीरिक लाभ प्राप्त होता हैं। ऐसा करने से शत्रु हावी नहीं होते हैं।
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