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मुंबई1 घंटे पहले
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पूर्व भारतीय क्रिकेटर सचिन तेंदुलकर ने ओवर वेट के कारण पेरिस ओलिंपिक से अयोग्य विनेश फोगाट का समर्थन किया है। तेंदुलकर ने शुक्रवार को एक इंस्टा पोस्ट में लिखा- विनेश सिल्वर डिजर्व करती हैं।
29 साल की भारतीय पहलवान की सुनवाई कोर्ट ऑफ आर्बिट्रेशन फॉर स्पोर्ट्स (CAS) कोर्ट में जारी है। फिलहाल, कोर्ट ने सुनवाई ओलिंपिक समाप्त होने तक टाल दी है।
पढ़िए तेंदुलकर की पूरी पोस्ट…
सचिन ने लिखा- ‘हर खेल के अपने-अपने नियम होते हैं, जिन्हें अलग-अलग कॉन्टेक्स्ट में देखा जाता है। समय-समय पर नियमों में बदलाव जरूरी है। विनेश ने निष्पक्ष तरीके से फाइनल में जगह बनाई। उनका डिसक्वालिफिकेशन फाइनल से ठीक पहले हुआ और इसीलिए उन्हें सिल्वर मिलना चाहिए। उन्हें मेडल नहीं मिलना लॉजिक और खेल भावना के खिलाफ है।
कोई खिलाड़ी ड्रग्स लेकर परफॉर्म करता है, तो यह नियमों के खिलाफ है। इस केस में डिसक्वालिफिकेशन समझ में आता है, लेकिन विनेश निष्पक्ष तरीके से टॉप-2 में पहुंची हैं। उन्हें सिल्वर तो मिलना ही चाहिए। हम कोर्ट के फैसले का इंतजार कर रहे हैं। उम्मीद है कि विनेश को वह सम्मान मिलेगा, जिसकी वे हकदार हैं।’
100 ग्राम ने विनेश को गोल्ड नहीं दिलवाया
6 अगस्त को विनेश फोगाट ने पेरिस ओलिंपिक की महिला रेसलिंग के 50 किग्रा वर्ग के फाइनल में जगह बनाई थी। रेसलिंग नियम के मुताबिक रेसलर को मैच की सुबह वजन का मापन करना होता है। विनेश का जब वजन नापा गया तब वो अपने कैटेगरी यानी 50 किग्रा से 100 ग्राम ज्यादा थी, जिसके बाद उन्हें फाइनल से बाहर कर दिया गया था। बुधवार को विनेश ने CAS में अपील की और मांग की कि उन्हें संयुक्त सिल्वर मेडल दिया जाए।
सोशल मीडिया में विनेश फोगाट की यह तस्वीर वायरल है। कहा जा रहा है कि ओलिंपिक से बाहर किए जाने के बाद विनेश बेहद निराश हो गई थीं।
CAS कोर्ट ने कहा- एक घंटे में जजमेंट संभव नहीं
विनेश फोगाट की सुनवाई कोर्ट ऑफ आर्बिट्रेशन फॉर स्पोर्ट्स (CAS) में चल रही है। कोर्ट ने गुरुवार को अपना फैसला ओलिंपिक समाप्त होने तक टाल दिया है।
कोर्ट ने कहा- ‘हम विनेश के केस में प्रक्रियाएं तेजी से कर रहे हैं, लेकिन उनकी अपील पर एक घंटे में फैसला देना संभव नहीं है। इस मामले में पहले यूनाइटेड वर्ल्ड रेसलिंग का पक्ष सुना जाना जरूरी है। फैसला डॉक्टर एनाबेल बेनेट को करना है, सभी पार्टियों के साथ आज मीटिंग करेंगे। उम्मीद है कि वे ओलिंपिक खत्म होने से पहले अपना फैसला सुना देंगे।’
क्या है CAS?
कोर्ट ऑफ अर्बिट्रेशन फॉर स्पोर्ट यानी CAS दुनिया भर में खेलों के लिए बनाई गई एक ऑर्गनाइजेशन है। इसका काम खेल से जुड़े कानूनी विवादों का खत्म करना है। इसकी स्थापना साल 1984 में हुई थी। इसका मुख्यालय स्विटजरलैंड के लॉजेन में स्थित है। वहीं इसके कोर्ट न्यूयॉर्क और सिडनी में भी हैं। वैसे अस्थायी कोर्ट वर्तमान ओलिंपिक शहरों में भी बनाई जाती हैं। इसी वजह से CAS इस बार पेरिस में स्थापित है, जहां विनेश फोगाट मामले की सुनवाई होनी है।
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तेंदुलकर बोले- विनेश सिल्वर डिजर्व करती हैं:इंस्टा पोस्ट में लिखा- अंपायर्स कॉल का समय है, CAS कोर्ट में फोगाट की सुनवाई जारी