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सीएमओ कार्यालय अंबाला। आर्काइव
अंबाला सिटी। मातृ और शिशु मृत्यु दर में कमी लाने के उद्देश्य से अब प्रजनन और बाल स्वास्थ्य (आरसीएच) और एमसीटीएस (मदर एंड चाइल्ड ट्रैकिंग सिस्टम) पंजीकरण अनिवार्य हो गया है।
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यह नियम पहले करनाल में लागू किया गया था। अब इसे प्रदेश भर में लागू कर दिया है। आरसीएच पंजीकरण नंबर के बिना किसी भी गर्भवती को अल्ट्रासाउंड कराने की सुविधा नहीं मिलेगी। अगर किसी केंद्र पर बिना आरसीएच के अल्ट्रासाउंड किया गया तो उसे नोटिस जारी कर कार्रवाई की जाएगी।
इसके लिए विभाग की ओर से आईएमए और निजी केंद्रों को भी निर्देश दे दिए गए हैं। अब विभाग की टीमें सभी केंद्रों में जाएंगी और आरसीएच पंजीकरण के बारे में अवगत करेंगी। अंबाला में 82 निजी और दो सरकारी केंद्र हैं। जहां पर अल्ट्रासाउंड की सुविधाएं मिलती हैं।
80 प्रतिशत गर्भवतियां हो रही पंजीकृत
जिला अंबाला में जो गर्भवती नागरिक अस्पताल या फिर आंगनबाड़ी के जरिये उपचार करवा रही हैं। उन महिलाओं का पंजीकरण हो जाता है, लेकिन प्राइवेट अस्पतालों में उपचार करवाने वाली गर्भवती पंजीकृत नहीं हो पाती है। इसलिए यह निर्देश दिए हैं। इससे माताओं और शिशु की मृत्यु दर को कम करने के लिए मदद मिलेगी।
अल्ट्रासाउंड के लिए ये दस्तावेज जरूरी
स्वास्थ्य अधिकारियों ने बताया कि गर्भवती को अगर अल्ट्रासाउंड करवाना है तो उसके पास एक चिकित्सक का मान्य रेफरेंस कार्ड, पहचान पत्र, फोटो चाहिए होते हैं। इसके बाद ही केंद्र गर्भवती का अल्ट्रासाउंड कर सकता है। अब इसमें आरसीएमएच को अनिवार्य कर दिया गया है। इस नंबर के पंजीकरण के बाद ही जांच होगी।
वर्जन
सरकार की ओर से विभाग को निर्देश जारी हुए हैं। जिनके आधार पर सभी केंद्रों को निर्देश दे दिए गए हैं। आरसीएच या फिर एमसीटीएस पंजीकरण करवाए बिना अगर किसी केंद्र ने गर्भवती का अल्ट्रासाउंड किया तो उसे नोटिस जारी कर कार्रवाई की जाएगी। फिलहाल केंद्रों को सिर्फ इसके बारे में अवगत करवाया जा रहा है।