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फरीदाबाद के कोट गांव में अरावली की पहाड़ियों पर पाषाण काल के आदिमानवों के हाथ-पैर के निशान, कलाकृतियां और शिकार के उपकरण मिले हैं. ये निशान उस समय की जीवनशैली और कला को उजागर करते हैं, जो हजारों साल पुरानी हैं.
कोट गांव में पाषाण काल के निशान ऐतिहासिक रहस्य.
फरीदाबाद: फरीदाबाद के कोट गांव में अरावली की पहाड़ियों पर पुरातत्व विभाग ने पाषाण काल के कई महत्वपूर्ण निशान पाए हैं. यहां आदिमानवों के हाथों और पैरों के निशान मिले हैं, जो उस समय की जीवनशैली को उजागर करते हैं.
तेजवीर मावी ने Local18 से बात करते हुए बताया कि पाषाण काल के दौरान मानव पत्थरों पर निर्भर रहते थे. वे पत्थरों से शिकार करते थे और उन गुफाओं में रहते थे, जो उनके लिए आश्रय स्थल होती थीं. अरावली की पहाड़ियों में किए गए उत्खनन से यह जानकारी सामने आई है कि उस समय मानवों द्वारा बनाई गई कलाकृतियों के निशान भी वहां पाए गए थे.
इतिहासकारों ने दी जानकारी
इतिहास की प्रोफेसर डॉ. सुप्रिया ढांडा ने इस पर अपनी राय दी. उन्होंने बताया कि कोट गांव और अरावली की पहाड़ियों पर जो पत्थर के निशान मिले हैं, वे पाषाण काल के हैं. इस दौरान लोग पत्थरों से अपने हथियार बनाते थे और शिकार करते थे. उनका जीवन इन पत्थरों के माध्यम से चलता था. इन आदिमानवों की कला और उनके उपकरण आज भी हमें उनके जीवन के बारे में बहुत कुछ बताते हैं.
कलाकृतियों के निशान
यह निशान इस बात का प्रमाण हैं कि उस समय का मानव कैसे पत्थरों का इस्तेमाल करके अपना जीवन यापन करता था. इन पेंटिंग्स और प्रिंट्स का अध्ययन करने से हम उन दिनों के बारे में और अधिक जान सकते हैं. वैज्ञानिक विधियों जैसे कार्बन डेटिंग से इनकी आयु का निर्धारण किया गया है. इससे यह स्पष्ट होता है कि ये निशान हजारों साल पुराने हैं. इनमें बच्चों और बड़ों के पैरों के निशान, साथ ही जानवरों के भी पैरों के निशान शामिल हैं.
Faridabad,Haryana
January 17, 2025, 14:15 IST
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