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परवेज खान
यमुनानगर. हरियाणा के यमुनानगर के साढौरा हलके के एक गांव में मदरसा खाली कराने को लेकर एक समुदाय को हिस्सों में बंट गया. एक पक्ष मदरसे के कब्जे को खाली कराना चाहता है, लेकिन इसके लिए पुलिस के भी पसीने छूट गए. करीब 8 घंटे बाद भी पुलिस का पहरा मदरसे के आसपास लगा हुआ है. वहीं, दूसरा पक्ष मदरसे के अंदर ताला लगाकर महिलाओं और बच्चों को लेकर बैठ गया.
दरअसल, यमुनानगर जिले के साढौरा विधानसभा के गांव चाणचक में माहौल उस वक्त तनावपूर्ण हो गया, जब मदरसे के कब्जे को खाली कराने को लेकर दो पक्ष आमने-सामने आ गए.मदरसे के आसपास भारी पुलिस बल तैनात है. लेकिन पुलिस की मौजूदगी में एक पक्ष के लोगों ने मदरसे के अंदर से ताला लगा दिया और महिलाओं-बच्चों को मदरसे में बिठा लिया. हांलाकि, अब तक पुलिस इस मामले को ना तो निपटा पाई और ना ही माहौल को शांत बना पाई.
सोमवार को साढौरा पुलिस सुबह से गांव में मौजूद थी और शाम तक मसला नहीं सुलझा है. मदरसे को कब्जा मुक्त कराने की मांग करने वाले सुलेमान ने प्रशासन की कार्यप्रणाली को ही कटघरे में खड़ा कर दिया.
दूसरा पक्ष मदरसे के अंदर ताला लगाकर महिलाओं और बच्चों को लेकर बैठ गया.
उन्होंने कहा कि प्रशासन इस काम में लीपापोती कर रहा है. जब कोर्ट से आदेश आ गए हैं तो उसे तुरंत खाली करा देना चाहिए, लेकिन प्रशासन विफल नजर आ रहा है. दूसरे पक्ष के व्यक्ति मोहम्मद यामीन ने बताया कि ये मदरसा साल 1965 से बना है और इसे सोसाइटी चलाती है. इस पर किसी व्यक्ति विशेष का कब्जा नहीं है. उन्होने कहा कि प्रशासन भी हमें गुमराह कर रहा है. पुलिस दावा कर रही है कि माहौल फिलहाल शांत है, अगर माहौल सही है तो फिर मदरसे को कब्जामुक्त क्यों नहीं किया जा रहा है. क्या दो पक्षों के आगे प्रशासन सरेंडर कर चुका है. प्रशासन इस मामले को फिलहाल निपटाना नहीं चाहता है. उधऱ, एसएचओ साढौरा अनिल राणा ने बताया कि गांव में दो पक्षों में मदरसे को लेकर विवाद है और गांव में कानून व्यवस्था बनी हुई है. कोई भी दिक्कत वाली बात नहीं है.
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