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शहर में एजेंसी की ओर से लगाए गए पिंजरे में फंसे बंदर।
चरखी दादरी। एकतरफ शहरी में बंदरों के काटने के मामले बढ़ रहे हैं तो दूसरी ओर बंदर पकड़ो अभियान कछुआ गति से चल रहा है। डेढ़ माह के अंदर एजेंसी शहर से 150 ही बंदर पकड़ पाई है। हालांकि, बीच में करीब 10 दिन अभियान बंद रहा और एक सप्ताह पहले ही इसे दोबारा शुरू किया गया है।
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मौजूदा समय में अभियान को गति देने की जरूरत है। अधिकारियों की मानें तो चालाक बंदर एजेंसी के पिंजरे में आसानी से नहीं फंस रहे। शहर में करीब 600 से ज्यादा बंदर घूम रहे हैं। इस संख्या को देखते हुए नगर परिषद के अधिकारियों ने बंदर पकड़ो अभियान का टेंडर आमंत्रित किया था। दिसंबर में अधिकारियों ने आवश्यक औपचारिकताएं पूरी कर धरातल पर मुहिम शुरू करवा दी थी। इसके बाद एजेंसी शहर के विभिन्न क्षेत्रों में पिंजरा लगाकर 150 बंदर पकड़ चुकी है।
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हालांकि, जिस क्षेत्र में एक बार पिंजरा लगा दिया जाता है तो वहां दोबारा रखने पर बंदर पिंजरा के पास भी नहीं आ रहे हैं। अधिकारियों का तर्क है कि यही कारण है कि अभियान की गति थोड़ी धीमी है। उनका दावा है कि अब अभियान को गति दी जाएगी और प्रयास रहेगा कि 15 फरवरी तक शहर से सभी बंदर पकड़वाकर बाहर वन क्षेत्र में छुड़वा दिए जाए।
इन क्षेत्रों से पकड़े गए हैं बंदर
एजेंसी अब तक कोर्ट परिसर, बस स्टैंड क्षेत्र, बाला वाला मंदिर क्षेत्र, काठमंडी, प्रेमनगर, एमसी कॉलोनी, घिकाड़ा रोड आदि क्षेत्रों में पिंजरा लगाकर बंदरों को पकड़ चुकी है। अब पुराना शहर समेत वार्ड-10, वार्ड-17, वार्ड-10, वार्ड-8, वार्ड-9, वार्ड-10, वार्ड-11, वार्ड-12 आदि में एक-एक कर पिंजरे लगाकर अभियान को गति दी जाएगी।
एजेंसी अब तक करीब 150 बंदर पकड़ चुकी है। प्रयास है कि 15 फरवरी तक शहर से सभी बंदर पकड़वा दिए जाए। इसके लिए एजेंसी को मुहिम को तेज करने के निर्देश दे दिए हैं।
– राजेश कुमार, सीएसआई, नगर परिषद
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Charkhi Dadri News: अभियान धीमा, चालाक बंदर नहीं फंस रहे पिंजरे में