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Rohtak News: हर माह एक करोड़ खर्च, फिर भी बाजार में नहीं हो रही सफाई Latest Haryana News

Rohtak News: हर माह एक करोड़ खर्च, फिर भी बाजार में नहीं हो रही सफाई  Latest Haryana News

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12सीटीके10-किला रोड बाजार में शनिवार की शाम गंदा पानी हटाते दुकानदार। स्रोत: अमर उजाला

रोहतक। केंद्रीय स्वच्छता सर्वेक्षण में पिछले साल अव्वल रहे रोहतक शहर में सफाई के लिए हर माह एक करोड़ रुपये खर्च हो रहे हैं। बावजूद इसके जगह-जगह कचरा पड़ा रहता है और बाजार में प्रतिदिन सफाईकर्मी नहीं पहुंच रहे। ऐसे में साल 2025 में होने वाले स्वच्छता सर्वेक्षण में नगर निगम के सामने प्रदेश में एक बार फिर अव्वल आने की कड़ी चुनौती रहेगी। जुलाई 2023 में शहर को दो जान में बांटकर 49 करोड़ में सड़कों व गलियों की सफाई का ठेका दिया था, इसको लेकर हाईकोर्ट में केस चल रहा है। अदालत ने फैसले होने तक टेंडर पर रोक लगा रखी है। इससे बाजार, गलियों व सड़कों पर हर रोज सफाई नहीं हो पाती।

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किला रोड के व्यापारियों का कहना है कि बाजार में पहले रेहड़ी आती थी, लेकिन अब तो केवल ट्राॅली आती है। हर रोज झाड़ू नहीं लगाया जा रहा है। सीवर का पानी ओवरफ्लो होकर बाजार में बहने लगता है। वहीं, सुभाष रोड के व्यापारियों का कहना है कि निगम के सफाई कर्मी हर रोज नहीं आते। शनिवार व रविवार को आते ही नहीं। सफाई की व्यवस्था संतोषजनक नहीं है। वहीं, पालिका बाजार के व्यापारियों का कहना है कि नियमों के तहत बाजार में दो बार सफाई होनी चाहिए, लेकिन मनमर्जी से सफाईकर्मी आते हैं। कई बार सप्ताह में चार दिन आते कभी तीन दिन आ रहे हैं। पूछने पर कहते हैं कि उनकी ड्यूटी दूसरी जगह लगा दी गई।

2023 के सर्वेक्षण में रैंकिंग 71 अंक गिरी

आवासन और शहरी कार्य मंत्रालय की ओर से देश में हर वर्ष अंकों के आधार पर स्वच्छता सर्वेक्षण कराया जाता है। साल 2023 में विभाग ने शहर में सर्वेक्षण कराया था, जिसका परिणाम जनवरी 2024 में जारी किया गया। रोहतक को प्रदेश की सबसे क्लीन सिटी का अवाॅर्ड दिया गया, लेकिन राष्ट्रीय स्तर पर रैंकिंग 109 रही। 2022 के सर्वेक्षण में प्रदेश में रोहतक दूसरे स्थान पर था, जबकि राष्ट्रीय स्तर पर रैंकिंग 38 थी।

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जिले कह किस वर्ष क्या रही स्थिति (देश में)

वर्ष रैंकिंग

2016 288वीं

2017 295वीं

2018 89वीं

2019 69वीं

2020 35वीं

2021 49वीं

2022 38वीं

2023 109वीं

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गलियों व बाजारों की सफाई का नगर निगम ने ठेका दिया था, लेकिन दूसरी पार्टी ने हाईकोर्ट में चुनौती दी। लंबे समय से जोन एक व जोन दो में सफाई के टेंडर का केस अदालत में विचाराधीन है। अब अप्रैल माह में सुनवाई होनी है। निगम में सफाई कर्मियों की संख्या कम है। इस कारण दिक्कत आती है। फिर भी हर संभव व्यवस्था को सुधारने का प्रयास कर रहे हैं।

भूपेंद्र सिंह, संयुक्त आयुक्त नगर निगम

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निगम में 625 सफाईकर्मी हैं, जबकि जनसंख्या 6 लाख के करीब है। जोन एक व जोन दो की सफाई का टेंडर अदालत में होने के कारण नया टेंडर नहीं हो रहा है। अधिकारी मौजूद सफाई कर्मियों पर दोहरा दबाव डाल रहे हैं। पहले गलियों व बाजार, फिर मुख्य सड़कों की सफाई करनी पड़ती है। इस कारण दिक्कत आ रही है।

संजय बिड़लान, प्रधान नगर निगम कर्मचारी संघ

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