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कुरुक्षेत्र। एलएनजेपी नागरिक अस्पताल के वार्ड से कैदी के फरार होने को लेकर पुलिस ने आरोपी कैदी हैप्पी, वार्ड में तैनात कर्मी, पुराने प्रभारी समेत कई अन्य के खिलाफ विभिन्न धाराओं में मामला दर्ज किया है, जिसकी जांच शुरू हुई तो नया राज भी खुला है, जिसे देख पुलिस भी चौंक गई। पुलिस ने एक आरोपी प्रवीन कुमार को गिरफ्तार भी किया है। हालांकि प्रवीन का स्वास्थ्य व पुलिस विभाग से सीधे तौर पर इस समय कोई संबंध नहीं है, लेकिन वह अपने संपर्क बनाए हुए था।
सूत्रों की मानें तो अस्पताल के कैदी वार्ड में भर्ती हुए कैदी व बंदियों के वहां रखने की एवज में उनसे प्रतिदिन के साढ़े चार हजार रुपये वसूल किए जाते थे। बताया जा रहा है कि यह खेल आरोपी प्रवीण कुमार चला रहा था। आरोपी दो हजार रुपये वार्ड में दाखिल करने वाले चिकित्सक, एक हजार रुपये वार्ड प्रभारी व गार्द को देता था, जबकि डेढ़ हजार रुपये आरोपी खुद रखता था। इस एवज में आरोपी वार्ड में उनको खाना, मोबाइल और अन्य कई तरह की सुविधाएं देता था।
गौर हो रविवार-सोमवार रात करीब एक बजे अस्पताल के कैदी वार्ड से पॉक्सो एक्ट के मामले में 20 साल की सजा काट रहा हैप्पी निवासी गीता कॉलोनी फरार हो गया था। इस पर कार्रवाई करते हुए पुलिस अधीक्षक ने वार्ड प्रभारी समेत तैनात पूरी गार्द को निलंबित कर दिया था, मगर पुलिस जांच के दौरान मामले में एक बड़ा खुलासा हुआ। इसमें पुलिस की ओर से कार्रवाई की जा रही है। साथ ही मामले की जांच डीएसपी मुख्यालय को सौंपी थी।
अब पुलिस ने मामले में छानबीन आगे बढ़ाई तो मिलीभगत में चल रहे खेल का खुलासा हो गया। इस मामले में पुलिस आरोपी प्रवीन को गिरफ्तार कर चुकी है, जबकि वार्ड के पुराने प्रभारी से पूछताछ चल रही है। पुलिस जांच अस्पताल के एक चिकित्सक की संलिप्तता की ओर भी इशारा कर रही है। साथ ही यह भी सवाल उठ रहा है कि हैप्पी किस आधार पर करीब एक महीने से वार्ड में दाखिल था। इस खेल में कैदी को इलाज के लिए भेजने वाले जिला जेल के कर्मियों की भूमिका भी संदिग्ध है।
एक आरोपी को किया गिरफ्तार
थाना केयूके प्रभारी निर्मल सिंह ने बताया कि पुलिस मामले की छानबीन कर रही है। आरोपी प्रवीण कुमार को अदालत के आदेश से एक दिन के रिमांड पर लिया गया था, मगर उसकी अचानक उसकी तबीयत खराब हो गई। इसलिए उसे एलएनजेपी अस्पताल में भर्ती कराया है।
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Kurukshetra News: प्रतिदिन के साढ़े चार हजार रुपये लेकर वार्ड में भर्ती किए जाते थे कैदी