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सामान्य अस्पताल में बाल रोग विभाग की ओपीडी में बच्चे की जांच करतीं डॉ. रीटा सिसोदिया।
भिवानी। बाजारों में बिकने वाली पैकेट बंद खाद्य सामग्री चिप्स, नमकीन, स्नैक्स बच्चों में ज्यादा पसंद की जा रहीं हैं। इसके अलावा फास्ट फूड चाउमीन, मोमोज, पिज्जा व बर्गर का स्वाद भी बच्चों व अभिभावकों को अपनी तरफ लुभा रहा हैं। लेकिन छोटे बच्चों को पसंद आने वाले पिज्जे-बर्गर उनके पेट को अंदर से जर्जर कर रहे हैं।
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फास्ट फूड व पैकिंग फूड ज्यादा खाने से बच्चों में पेट संबंधी रोग कब्ज, भूख नहीं लगना, पेट में दर्द की समस्या बढ़ रही है। जिला नागरिक अस्पताल में बाल रोग विशेषज्ञ की ओपीडी में भी इस तरह के मरीज काफी देखे जा रहे हैं। जो पेट संबंधी रोग से ग्रस्त हैं।
बाल रोग विशेषज्ञ भी ओपीडी में आने वाले बच्चों व अभिभावकों को सलाह व सुझाव दे रहे हैं। लेकिन इसके बावजूद भी देखा जा रहा है कि लोग खुद भी बच्चों को इस तरह की खाद्य सामग्री खिला रहे हैं।
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बाल रोग विशेषज्ञ की मानें तो बच्चों में पैकिंग बंद फूड खाने से कब्ज की समस्या बन रही है। इसके साथ ही कुछ बच्चों में तो स्थिति सिस्ट (गांठ) बनने तक पहुंच रही है। इसके पीछे के कारण की बात करें तो चिकित्सक ने बताया की बच्चों को इस तरह का ज्ञान नहीं होता कि उन्हें क्या खाना है क्या नहीं। लेकिन अभिभावकों को बच्चों को खाने के लिए दी जाने वाली चीजों का ध्यान रखना चाहिए।
अभिभावक भी अक्सर बच्चों के लिए घर में चिप्स के पैकेट लाते हैं। लेकिन ये चिप्स बच्चे के स्वास्थ्य को नुकसान पहुंचा रहे हैं। पैकेट बंद खाद्य सामग्री व फास्ट फूड बच्चे को कई बीमारियों का शिकार बना रहा है। पैकेट बंद चिप्स में वसा और कैलोरीज की मात्रा काफी ज्यादा होती है। इससे वजन बढ़ने और मोटापा की समस्या हो सकती है। बच्चा लंबे समय तक लगातार चिप्स खाता है तो बच्चे में विटामिन व की कमी हो जाती है।
चिप्स में सोडियम की मात्रा ज्यादा होती है। जो बच्चे के स्वास्थ्य को नुकसान पहुंचा देती है। अगर बच्चे को चिप्स और फास्ट फूड की लत लग जाती है तो फिर वो घर में बना खाने से दूरी बनाता है। अभिभावक भी कुछ समय के लिए तो बच्चे को खाना खिलाने की जिद करेंगे। लेकिन जब वह फास्ट फूड या पैकिंग बंद सामग्री से पेट भरना शुरू कर देता है तो अभिभावक भी सोचते हैं कि बच्चा कुछ तो खा रहा है।
यही गलती आगे चलकर बच्चे के लिए नुकसान करती है। जब तक अभिभावक कुछ समझ पाते हैं तब तक काफी देर हो चुकी होती है। इसलिए अभिभावकों के लिए भी सलाह है कि बच्चे को घर में बना खाना खाने की आदत डालें।
छोटे बच्चों में पैकिंग बंद व फास्ट फूड ज्यादा खाने पर पेट संबंधी समस्या हो रही है। अभिभावकों को भी बच्चों को फास्ट फूड से दूर रखना चाहिए। – डॉ. रीटा, बाल रोग विशेषज्ञ, जिला नागरिक अस्पताल, भिवानी।
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Bhiwani News: पिज्जे-बर्गर कर रहे बच्चों का पेट खराब